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केके पाठक ने जिलाधिकारियों को लिखा पत्र, शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए छुट्टी रद्द करने की मांग

केके पाठक ने जिलाधिकारियों को लिखा पत्र, शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए छुट्टी रद्द करने की मांग

पटना:Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से पत्र लिखा गया. बिहार के सभी जिला पदाधिकारी को पत्र लिखते हुए गया 17 अक्टूबर से बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विद्यालय अध्यापक परीक्षा परिणाम चरणबद्ध तरीके से घोषित किया जा रहा है. अब चरणबद्ध तरीके से लगभग 1 लाख से अधिक शिक्षकों की काउंसलिंग इस विभाग को करानी है. आयोग द्वारा प्रतिवेदित जिले में ही इन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग हेतु उपस्थित होना है. उल्लेखनीय है कि इस हेतु पहले ही अपने जिले में इन स्थलों को भी चिन्हित कर लिया है जहां यह अभ्यर्थी उपस्थित होंगे.

यह काउंसलिंग 18 अक्टूबर से लगातार चलती रहेगी जब तक की आपके जिले में सभी चिन्हित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग ना हो जाए. यह काउंसलिंग एक समय सारणी के तहत ही की जाएगी. जिस हेतु विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है जो कि इस पत्र के साथ संलग्न है. इस प्रेस विज्ञप्ति में एक अनुलग्नक भी दिया गया है जिसमें अभ्यर्थियों को यह पता रहेगा कि उनको आपके जिले में किस केंद्र पर उपस्थित होना है. इस हेतु जो अभ्यर्थी काउंसलिंग के लिए आते हैं उन्हें एक पत्र दिया जाएगा जिसका प्रारूप भी संलग्न है और उसके बाद यह अभ्यर्थी आपके जिले के शिक्षण संस्थाओं और विद्यालयों में ओरिएंटेशन हेतु भेज दिए जाएंगे. आपसे यह भी अनुरोध है कि जिले में चयनित स्थल जहां पर अभ्यर्थियों की काउंसलिंग होनी है.

पत्र में लिखा गया है कि वहां पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी एवं पुलिस बल्कि प्रतिनियुक्ति करने की कृपया करें ताकि किसी प्रकार की विधि व्यवस्था संबंधी स्थिति न उत्पन्न होने पाए. साथी इस स्थिति को देखते हुए 18 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक शिक्षा विभाग के किसी भी पदाधिकारी और कमी को किसी भी प्रकार की विधि व्यवस्था एवं अन्य प्रकार की ड्यूटी में नहीं लगाया जाए. 18 अक्टूबर से अगले आदेश तक शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय सभी पदाधिकारी और कर्मियों की छुट्टी रद्द करने की भी कृपा करें ताकि बिहार लोक सेवा आयोग के विद्यालय अध्यापक अभ्यर्थियों की काउंसलिंग सुचारू रूप से की जा सके.

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Author: pnews

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बिहार में क्यों बढ़ रहे हैं एड्स के मरीज? बिहार में इन दिनों एड्स के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राज्य के तीन जिले के लोग इस जानलेवा बीमारी से ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. वहीं बिहार में एड्स के मामलों में आई तेजी को देखकर स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है. राज्य के संक्रमित जिलों की अगर बात करें तो पश्चिम चंपारण के बेतिया अभी 3583 मरीज HIV पॉजिटिव पाए गए हैं तो दूसरी तरफ गोपालगंज जिले में भी 3000 से ज्यादा पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. इन दो जिलों में लगातार बढ़ कहे संक्रमितों की संख्या को देखकर भारत सरकार और बिहार सरकार द्वारा संबंधित जिलों में युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा बिहार के अरवल जिला में भी एड्स तेजी से पांव पसार रहा है. आलम ये है कि जिले में हर महीने 3 से 4 नए मरीज सामने आ रहे है. बिहार में लगातार बढ़ रहे एड्स के बीच आज हम आपको इससे मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं. एड्स की बीमारी ह्यूमन इम्यूनोडेफ़िशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होती है. जिस इंसान को एचआईवी हो जाता है वो उसके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देता है, जिससे संक्रमित को कई तरह की बीमारियों और संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है. एचआईवी से संक्रमित इंसान के शरीर में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे शरीर किसी भी संक्रमण से लड़ने की शक्ति खो देती है. एचआईवी वायरस हमेशा इंसान के शरीर में रहता है. इसके साथ ही एचआईवी संक्रमित मरीज में निमोनिया, कैंसर जैसी कई तरह की बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है.एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति बिना किसी लक्षण के भी बीमारी पड़ सकता है. ऐसे में एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को जल्दी जांच करवाकर इलाज शुरू कर देना चाहिए. एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी दी जाती है. इसके साथ ही एचआईवी के संक्रमण से बचने ते लिए व्यक्ति को कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए.