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समस्तीपुर: किसान पुत्री सोनाली, अंकेश और अर्चना ने BPSC परीक्षा उत्तीर्ण कर  विद्यापतिनगर का नाम रौशन किया

समस्तीपुर: किसान पुत्री सोनाली, अंकेश और अर्चना ने BPSC परीक्षा उत्तीर्ण कर  विद्यापतिनगर का नाम रौशन किया

समस्तीपुर:- सफलता पाने के लिए जरूरी नहीं की आप बड़े-बड़े कोचिंग संस्थान में पढ़े। आप सेल्फ स्टडी से भी बेहतर प्रदर्शन दे सकते हैं। बिना कोचिंग गए भी आप प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर सकते हैं। इसके लिए आपका आत्मविश्वास मजबूत होना चाहिए। कड़ी मेहनत और निरंतर पढ़ाई से आप बीपीएससी परीक्षा पास कर सकते हैं। इस उक्ति को बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने साबित किया है।

दरभंगा में अंकेक्षक पद पर कार्यरत सोनाली अभी ले रहीं हैं प्रशिक्षण :
विद्यापतिनगर प्रखंड अंतर्गत मऊ धनेशपुर दक्षिण पंचायत निवासी शैलेंद्र कुमार मधुकर व रीना देवी की प्रथम पुत्री सोनाली कुमारी ने बीपीएससी की परीक्षा में 292 वीं रैंक प्राप्त कर नगर निगम कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर चयनित हुई है। सोनाली की इस सफलता पर जहां परिवार में खुशी का माहौल है। वहीं ग्रामीणों में भी हर्ष व्याप्त है। स्व.बंगाली सिंह की पौत्री सोनाली इससे पहले भी बीपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण हो अंकेक्षक पद पर चयनित होकर अभी ट्रेनिंग प्राप्त कर रहीं हैं

अंकेक्षक पद पर दरभंगा में कार्यरत सोनाली के पिता शैलेंद्र कुमार मधुकर पेशे से किसान है। वहीं माता रीना देवी बोकारो डीसी ऑफिस में गोपनीय प्रशाखा में कार्यरत है। तीन बहन व एक भाई में सबसे बड़ी सोनाली ने अपने पहले प्रयास में यह सफलता प्राप्त किया है। ग्रामीण पृष्टभूमि में शिक्षा ग्रहण करने वाली सोनाली की इस सफलता पर गांव सहित इलाके के लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए सोनाली को बधाई दी हैं। इस दौरान के अनुभव को साझा करते हुए सोनाली कहतीं हैं कि परिश्रम और घर- परिवार के लोगों के त्याग, बलिदान और पढ़ाई के प्रति निरंतर समर्पण ने इस अथक प्रयास को संभव बनाया है।

रांची में दारोगा अर्चना संभाल चुकीं हैं महिला थाना का जिम्मा :
बालकृष्णपुर मड़वा पंचायत निवासी अमीन विशेश्वर सिंह की पौत्री अर्चना कुमारी को भी 67 वीं बीपीएससी परीक्षा परिणाम में 862 स्थान मिला है। राज नारायण सिंह उर्फ दिलीप सिंह व नूतन देवी की प्रथम पुत्री अर्चना फिलहाल रांची साइबर थाना में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। 2018 में दारोगा बनीं अर्चना दो साल तक बतौर बुंडू महिला थाना प्रभारी के पदस्थापित थीं। परन्तु कुछ बड़ा करने के सपने की वजह से लगातार प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते रहीं। अब उनका अगला लक्ष्य यूपीएससी क्रैक करना है।

तीसरे प्रयास में बीपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण होने वाली अर्चना ने विद्यापति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मऊ बाजिदपुर दक्षिण से 2006 में मैट्रिक करने के बाद विद्यापति इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट,आरबी कॉलेज दलसिंहसराय से स्नातक करने के बाद नालंदा खुला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर किया। पिता दिलीप सिंह सेवानिवृत रेलवे स्टेशन मास्टर हैं और माता नूतन देवी गृहणी हैं।तीन बहनों में सबसे बड़ी अर्चना की एक बहन प्रीति कुमारी बिहार पुलिस में सार्जेंट हैं। छोटी बहन चंद्रिमा सिंह व भाई केशव प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं। अर्चना की सफलता पर पूरे इलाके में हर्ष व्याप्त है। पूर्व मुखिया गणेश गिरी कवि, सरपंच चतुर्भुज प्रसाद सिंह, अमरनाथ सिंह मुन्ना, पूर्व जिला पार्षद भागवत प्रसाद सिंह, अभय सिंह उर्फ बांके जी आदि ने उनके स्वजनों से मिलकर बधाई दी है।

प्रखंड के सिमरी गांव निवासी अवकाश प्राप्त रेल अधिकारी अशोक कुमार के पुत्र अंकेश कुमार 67 वीं बीपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर कल्याण पदाधिकारी के पद पर चयनित हुए है। अंकेश ने 66वीं बीपीएससी की परीक्षा में भी सफलता प्राप्त किया था। वर्तमान में वें मधेपुरा जिला के पुरैनी प्रखंड में एमओ के पद पर कार्यरत है। अंकेश की पढ़ाई दिल्ली से हुई है।चयनित अभ्यर्थियों ने बताया कि खुद पर विश्वास जताते हुए यूट्यूब एवं ऑन लाइन माध्यम के जरिए सेल्फ स्टडी की। उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया है। बल्कि अपने कर्तव्य के दौरान ही ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त किया है।

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Author: pnews

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