आंगनबाड़ी सेविका पर लाठीचार्ज, सरकार में शामिल दल भी कर रहे विरोध
आंगनबाड़ी सहायिका-सेविकाएं पटना में बिहार विधान सभा के शीतकालीन सत्र के पहले विधान मंडल का घेराव करने पहुंची. प्रशासन ने उन पर लाठीचार्ज किया और उन्हें वहां से हटाया गया. विधानसभा में बीजेपी ने इसको लेकर हंगामा किया तो वहीं दूसरी तरफ सरकार में शामिल कई पार्टियों ने आंगनबाड़ी सहायिका की मांग को जायज बताया.
बिहार में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही अपनी मांगों को लेकर बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सहायिका-सेविकाएं विधान मंडल का घेराव करने पहुंची कई राजनीतिक दलों ने किया उनका समर्थन.
आंगनबाड़ी सेविका सहायिका के प्रदर्शन को लेकर भाजपा विधायक इंजीनियर शैलेंद्र ने कहा की यह सही नहीं है. सरकार कहती है कि हम उनके समर्थन में रहते हैं. जब सरकार में जो अभी पार्टिया हैं वह विपक्ष में रहती हैं तो उनके मांगों को पूरा करने की बात करती है लेकिन अब ऐसे व्यवहार उनके साथ क्यों किये जा रहे हैं. मातृ शक्ति महिलाएं हैं और वह घर-घर जाकर सेवा करने का काम करती हैं.
वहीं भाकपा माले के विधायक अजित कुमार सिंह ने कहा लाठी चार्ज होना कहीं से भी जायज नहीं है. आंगनबाड़ी बहनें आई हुई हैं. हम उनके समर्थन में हैं. आंगनबाड़ी सेविका को 25000 और सहायिका को 18000 देने की सरकार से हमारी मांग है.
राजद के विधायक अख्तर इस्लाम शाहीन ने कहा कि लोकतांत्रिक और व्यवस्थित तरीके से कोई आंदोलन हो रहा है तो उस पर सरकार या प्रशासन कुछ नहीं करती है. अगर प्रशासन को लगा कि विधानसभा चल रहा है तो प्रशासन ने अपना काम किया है लेकिन लोगों को उम्मीद है कि जो उनकी समस्या है उसका निदान हमारी सरकार करेगी और उनकी मांग जो है उसे पर सरकार विचार करेगी.
वहीं कांग्रेस विधायक अजीत सिंह ने आंगनबाड़ी सेविका के प्रदर्शन को लेकर कहा कि जो प्रदर्शन कर रहे लोग हैं. उनकी सैलरी बढ़नी चाहिए. आंदोलन करने का सभी को अधिकार है. सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी.
बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सबके लिए कानून है, मंत्री हो विधायक हो या कोई और हो कानून का पालन सभी को करना होगा. जो कानून के विरुद्ध जाएंगे उन पर कार्रवाई होगी.