Search
Close this search box.

यूपी के इस कस्बे में दिवाली की रात जलता है रावण

यूपी के इस कस्बे में दिवाली की रात जलता है रावण

बुन्देलखंड के हमीरपुर जिले में दीपावली के दिन रावण का पुतला जलाने की सैकड़ों वर्ष पुरानी परम्परा आज भी कायम है. जहां आज दीपावली के दिन रावण का पुतला दहन करने की तैयारी पूरी हो चुकी है. जिसे आज शाम होते ही तैयार किये गए रावण के पुतले को जला दिया जायेगा. दीपावली के दिन रावण दहन की सैकड़ों साल पुरानी अजीबोगरीब परम्परा का आज की पीढ़ी भी पूरी लगन से पालन करते हुए आगे बढ़ा रही है. हमीरपुर जिले के राठ कस्बे में दीपावली त्योहार के दिन रावण का पुतला फूंक कर दशहरा मनाये जाने की परम्परा कायम है. वैसे तो रावण के पुतले का दहन पूरे भारत वर्ष में दशहरे के दिन ही होता है लेकिन बुन्देलखंड में हमीरपुर जिले का राठ कस्बा ऐसा इलाका है जहां पिछले सौ सालों से दीपावली के दिन रावण के पुतले का दहन होता है. दीपावली के दिन रावण का पुतला फूंकते ही लोग एक दूसरे को गले मिलकर बधाई देते हैं. इसके अलावा लोग घरों में दीए जलाकर खुशियां भी मनाते हैं.

रामलीला कमेटी के मंत्री सुरेश खेवरिया ने बताया कि राठ तहसील मुख्यालय के रामलीला मैदान में राम रावण का पहले युद्ध होता है. फिर इसके बाद रावण के पुतले का दहन होता है. राठ नगर में इस परम्परा की लीला के दौरान एक विशाल मेला भी लगता है जिसमें हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है. स्थानीय बुजुर्ग लोगों का कहना है कि साल भर में दीपावली के ही दिन दशहरा और दीपावली दोनों त्योहार मनाने की परम्परा यहां कायम है.

ऐसे हुई अनोखी परम्परा की शुरुआत
सौ वर्ष पहले जब रामलीला महोत्सव की शुरुआत हुई थी, तब उस समय रामलीला स्थान पर बरसात का पानी भरा रहता था. बरसात का पानी सूखने में दशहरा पर्व निकल जाता था. इस लिए दशहरा पर्व दीपावली के दिन मनाने की परम्परा है. वह बताते हैं कि राठ में दशहरे का रावण पुतला फूंकने के लिये कोई दूसरी जगह नहीं है. जो जगह है उसका पानी सूखने में दस दिन लग जाते है. इसीलिये राठ नगर में दीपावली के दिन रावण का पुतला फूंक कर दशहरा मनाने की परम्परा पड़ी जो अभी तक कायम भी है
पहले रावण का पुतला तैयार कर रामलीला मैदान में खड़ा किया जाता था, मगर अब कई सालों से रावण के लिये कमेटी ने लोहे का फ्रेम तैयार कराया था. यह साल भर तक ऐसे ही खड़ा रहता है. इसकी ऊंचाई करीब तीस फिट है. इसी फ्रेम में मैटेरियल लगाकर रावण का रूप दिया जाता है. आतिशबाजी के पटाखे भी इसमें भरे जाते हैं. दीपावली के दिन राम रावण युद्ध के बाद इस पुतले को आग के हवाले किया जाता है. पुतला भी बीस मिनट में जल जाता है. रावण के पुतले का दहन होते ही लोग दशहरे की खुशियां एक दूसरे से मिलकर मनाते है. राठ कस्बे की इस अनूठी परम्परा को देखने को लाखों की भीड़ उमड़ती है और रावण दहन व दीपावली पर्व दोनों एक साथ धूमधाम से मनाते हैं

pnews
Author: pnews

Leave a Comment