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झोपड़ी में स्कूल, बच्चे का नामोनिशान नहीं, जमीन पर बैठकर शिक्षिका ने किया योगदान

झोपड़ी में स्कूल, बच्चे का नामोनिशान नहीं, जमीन पर बैठकर शिक्षिका ने किया योगदान

 

BPSC की तरफ से आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद एक तरफ नवनियुक्त शिक्षकों के योगदान की प्रक्रिया तेज है. 1 लाख 20 हजार से ज्यादा शिक्षक अब अपने लिए अलॉट स्कूलों में योगदान कर रहे हैं. ऐसे में शिक्षकों का योगदान एक ऐसे स्कूल में हुआ है जिसे सुनकर कोई भी चौंक जाएगा. यहां स्कूल में योगदान करनेवाली महिला शिक्षक को जॉइन कराया जा रहा है. जहां चारों तरफ केवल जंगल ही जंगल है. ना तो स्कूल में कोई छात्र है ना स्कूल की कोई बिल्डिंग है. शिक्षिका बैठे कहां इसके लिए कुर्सी तक नहीं है.

नव नियुक्त शिक्षिका का योगदान गमछा बिछाकर बैठे प्रिंसिपल साहब करा रहे हैं. शिक्षिका भी जमीन पर बैठकर योगदान कर रही है. स्कूल क्या है दो झोपड़ियां हैं. जहां बैठने के लिए जगह तक नहीं है. जहां के बारे में बताया जाता है कि यहां एक भी बच्चा पढ़ने के लिए नहीं आता है.

यह स्कूल बिहार के बेतिया के बैरिया प्रखंड के सूरजपुर पंचायत का गोबरही प्राथमिक विद्यालय है. दियारा इलाके में पड़नेवाले इस स्कूल की हालत देखकर कोई बता भी नहीं सकता की यहां सरकार के पैसे से कोई स्कूल भी चलता होगा. इस नवनियुक्त शिक्षिका के द्वारा जब यहां योगदान किया जा रहा था तो किसी ने इसका वीडियो बना लिया और अब यह खबर तेजी से वायरल हो रही है.

हालांकि शिक्षिका ने यहां योगदान के बाद खुशी जरूर दिखाई की उसे आखिरकार सरकारी नौकरी मिल गई. लेकिन, शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के बिहार सरकार के दावे के लिए यह तस्वीर किसी भी हाल में अच्छी नहीं है. ऐसे में सरकारों तक भी इस स्कूल की खबर पहुंचनी चाहिए और सरकार को संज्ञान में लेकर जांच करानी चाहिए कि बिहार में कितने स्कूलों की हालत ऐसी है.

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Author: pnews

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बिहार में क्यों बढ़ रहे हैं एड्स के मरीज? बिहार में इन दिनों एड्स के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राज्य के तीन जिले के लोग इस जानलेवा बीमारी से ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. वहीं बिहार में एड्स के मामलों में आई तेजी को देखकर स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है. राज्य के संक्रमित जिलों की अगर बात करें तो पश्चिम चंपारण के बेतिया अभी 3583 मरीज HIV पॉजिटिव पाए गए हैं तो दूसरी तरफ गोपालगंज जिले में भी 3000 से ज्यादा पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. इन दो जिलों में लगातार बढ़ कहे संक्रमितों की संख्या को देखकर भारत सरकार और बिहार सरकार द्वारा संबंधित जिलों में युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा बिहार के अरवल जिला में भी एड्स तेजी से पांव पसार रहा है. आलम ये है कि जिले में हर महीने 3 से 4 नए मरीज सामने आ रहे है. बिहार में लगातार बढ़ रहे एड्स के बीच आज हम आपको इससे मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं. एड्स की बीमारी ह्यूमन इम्यूनोडेफ़िशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होती है. जिस इंसान को एचआईवी हो जाता है वो उसके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देता है, जिससे संक्रमित को कई तरह की बीमारियों और संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है. एचआईवी से संक्रमित इंसान के शरीर में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे शरीर किसी भी संक्रमण से लड़ने की शक्ति खो देती है. एचआईवी वायरस हमेशा इंसान के शरीर में रहता है. इसके साथ ही एचआईवी संक्रमित मरीज में निमोनिया, कैंसर जैसी कई तरह की बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है.एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति बिना किसी लक्षण के भी बीमारी पड़ सकता है. ऐसे में एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को जल्दी जांच करवाकर इलाज शुरू कर देना चाहिए. एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी दी जाती है. इसके साथ ही एचआईवी के संक्रमण से बचने ते लिए व्यक्ति को कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए.