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बिहार के युवाओं को पलायन से बचाएगा ये सुपरहिट बिजनेस, कम निवेश में होगी मोटी कमाई

बिहार के युवाओं को पलायन से बचाएगा ये सुपरहिट बिजनेस, कम निवेश में होगी मोटी कमाई

 

बिहार के युवा रोजगार की तलाश में घर और परिवार से अलग शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं. वर्तमान में कई ऐसे बिजनेस हैं जिस लोग अपने गांव में भी कर सकते हैं. गांव में बिजनेस शुरू करना एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प है, क्योंकि यह ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करता है और उन्हें शहरों के पलायन से बचाता है. गांव में विभिन्न विकल्पों में बिजनेस शुरू करने के लिए सरकारी योजनाएं भी हैं. जिससे युवा एक अच्छी कमाई भी कर सकते हैं, आइए जानें नए बिजनेस आइडिया.

डेयरी व्यवसाय
गांव में बहुत से घरों में गाय और भैंस पाली जाती है, जिससे डेयरी व्यवसाय शुरू किया जा सकता है. दूध से बने उत्पादों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, इससे दही, छाछ और घी आदि बनाकर गांव में बेचा जा सकता है. सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी और बैंक लोन की सहायता से यह व्यवसाय स्थापित किया जा सकता है.

मशरूम व्यवसाय
मशरूम का उत्पादन करके और उसे शहरों में बेचकर भी अच्छी कमाई की जा सकती है. मशरूम की काफी मांग है और छोटे निवेश से यह बिजनेस शुरू किया जा सकता है. यह एक लाभकारी बिजनेस है जो कि कम निवेश में शुरू किया जा सकता है.

खाद और बीज बेचने का व्यवसाय
गांव में किसानों को खाद और बीज उपलब्ध कराने के लिए एक व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, जिससे किसानों को उचित मूल्य पर सामग्री मिलेगी. उन्हें शहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी.

मुर्गी पालन/पोल्ट्री फार्म व्यवसाय
मुर्गी पालन के लिए गांव में एक पोल्ट्री फार्म शुरू करना एक विकल्प हो सकता है, जिससे अंडे और मांस की कमीशन भी हो सकती है. सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी से इसे स्थापित करना संभव है.

मधुमक्खी पालन व्यवसाय
मधुमक्खी पालन एक और लाभकारी बिजनेस हो सकता है, जो गांव में स्थापित किया जा सकता है. इससे न केवल शहद का उत्पादन होगा, बल्कि इससे फसलों की पैदावार भी बढ़ सकती है.

बता दें कि इन विभिन्न विकल्पों में से कोई भी चुनकर उद्यमिता और समर्थन से गांव में एक सशक्त और साकारात्मक बिजनेस स्थापित किया जा सकता है.

pnews
Author: pnews

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बिहार में क्यों बढ़ रहे हैं एड्स के मरीज? बिहार में इन दिनों एड्स के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राज्य के तीन जिले के लोग इस जानलेवा बीमारी से ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. वहीं बिहार में एड्स के मामलों में आई तेजी को देखकर स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है. राज्य के संक्रमित जिलों की अगर बात करें तो पश्चिम चंपारण के बेतिया अभी 3583 मरीज HIV पॉजिटिव पाए गए हैं तो दूसरी तरफ गोपालगंज जिले में भी 3000 से ज्यादा पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. इन दो जिलों में लगातार बढ़ कहे संक्रमितों की संख्या को देखकर भारत सरकार और बिहार सरकार द्वारा संबंधित जिलों में युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा बिहार के अरवल जिला में भी एड्स तेजी से पांव पसार रहा है. आलम ये है कि जिले में हर महीने 3 से 4 नए मरीज सामने आ रहे है. बिहार में लगातार बढ़ रहे एड्स के बीच आज हम आपको इससे मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं. एड्स की बीमारी ह्यूमन इम्यूनोडेफ़िशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होती है. जिस इंसान को एचआईवी हो जाता है वो उसके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देता है, जिससे संक्रमित को कई तरह की बीमारियों और संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है. एचआईवी से संक्रमित इंसान के शरीर में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे शरीर किसी भी संक्रमण से लड़ने की शक्ति खो देती है. एचआईवी वायरस हमेशा इंसान के शरीर में रहता है. इसके साथ ही एचआईवी संक्रमित मरीज में निमोनिया, कैंसर जैसी कई तरह की बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है.एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति बिना किसी लक्षण के भी बीमारी पड़ सकता है. ऐसे में एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को जल्दी जांच करवाकर इलाज शुरू कर देना चाहिए. एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी दी जाती है. इसके साथ ही एचआईवी के संक्रमण से बचने ते लिए व्यक्ति को कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए.