पटना में सांस लेना हुआ मुश्किल, 4 लाख लोगों पर मंडरा रहा गंभीर बीमारी का खतरा
राजधानी पटना के गांधी मैदान से NIT मोड़ तक सबसे अधिक वायु प्रदूषण है. इस क्षेत्र में डबल डेकर पुल निर्माण और मेट्रो निर्माण कार्य की वजह से पीएम 10 और पीएम 2.5 का कॉन्ट्रिब्यूशन सबसे अधिक है. जिसके वजह से लगभग 4 लाख लोग गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं.
गंभीर बीमारियों का लोगों को करना पड़ रहा सामना
बता दें कि अगर इसी तरीके से धूल कण और प्रदूषण बढ़ता रहा तो राजधानी पटना में रह रहे 4 लाख लोगों को अस्थमा जैसी कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. जिसके वजह से काफी परेशानी का लोगों को सामना करना पड़ सकता है.
दुकानदारी पर दिख रहा काफी असर
राजधानी पटना के स्थानीय लोग और दुकानदारों का कहना है कि हवा में अधिक धूल कण होने की वजह से उनकी दुकानदारी पर भी काफी असर देखने को मिल रहा है और सांस लेने में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस प्रदूषित वायु में सांस लेने के वजह से कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बना रहता है. पूरी दुकान धूल से भर जाती हैं. जिसके वजह से लोग इस क्षेत्र में आना भी नहीं चाहते हैं.
प्रदूषण के वजह से हो रही आंखों में जलन आदि की समस्या
वहीं डॉ सुनील का कहना है कि वायु प्रदूषण और धूल कण की वजह से आंखों में भी कई तरह की समस्याएं लोगों को होती है. इसके अलावा लंग्स प्रॉब्लम, पेट संबंधित आदि कई बीमारियां उत्पन्न हो सकती है. इसके साथ ही डॉ सुनील ने आगे कहा कि उसे क्षेत्र में बिक रहे स्ट्रीट फूड से लोग परहेज करें और काम न होने पर घर से बाहर न निकले और घर से बाहर निकलते समय मास्क और सनग्लास का प्रयोग जरूर करें.