मॉब लिंचिंग पर अब होगी फांसी की सजा, गृह मंत्री अमित शाह का संसद से ऐलान!
जिसका अंदाजा लंबे समय से लगाया जा रहा था, आखिर में मोदी सरकार अब धीरे-धीरे उसके पत्ते खोल रही है. इसी कड़ी में संसद के शीतकालीन सत्र में गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान से आईपीसी में बदलाव को लेकर चल रहे कयासों पर मुहर लग गई है. अमित शाह ने लोकसभा में साफ-साफ ऐलान किया है कि मॉब लिंचिंग पर अब फांसी की सजा दी जाएगी. इतना ही नहीं आईपीसी, आपराधिक न्याय प्रणाली में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. अमित शाह ने यह बयान तब दिया जब वे संसद में तीन नए विधेयकों पर चर्चा का जवाब दे रहे थे. इस बीच उन्होंने कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम का भी नाम लेते हुए चुटकी ली.
असल में गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि मोदी सरकार आईपीसी में बदलाव को लेकर बड़ी ही जिम्मेदारी से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व गृहमंत्री पी चिंदंबरम साहब कहा करते थे कि मॉब लिंचिंग को लेकर क्या कर रहे हैं. तो मैं उनको बताना चाहता हूं कि मॉब लिंचिंग पर सीधे फांसी की सजा दी जाएगी. अमित शाह ने कहा कि चिदंबरम साहब ना आप हमारी पार्टी को समझे हो ना विचारधार को समझे हो. हमारी पार्टी का एक लक्ष्य है भारक का उत्कर्ष, इसी के तहत मॉब लिचिंग में फांसी का प्रावधान लाया है. लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि आप 70 साल तक थे तो मॉब लिचिंग का प्रावधान क्यों नहीं लेकर आए. जनता जानती है, इसलिए संसद में उस ओर बैठो हो, और बाहर बैठे हो, ऐसे double standards के कारण उनकी पार्टी को इतनी दिक्क्तें उठानी पड़ रही हैं.
CrPC में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी
आपराधिक कानून संशोधन बिल पर लोकसभा में अपने संबोधन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि न्याय संहिता 2023 में लिंचिंग के लिए फांसी तक का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि नए कानून गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव होने जा रहा है. बिल आपराधिक कानूनों में सुधार के लिए लाए गए हैं. न्याय संहिता 2023 अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि CrPC में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी. 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं. 39 नई उप-धाराएं जोड़ी गई हैं. 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं.
पुराने कानून दमन के लिए थे
अमित शाह ने यह भी कहा कि पीएम मोदी पुराने निशान मिटा रहे हैं. तीनों कानून अंग्रेजों के जमाने के हैं. शास्त्रों में न्याय को दंड से ऊपर रखा गया है. पुराने कानून दमन के लिए बनाए गए थे. पहली बार मोदी सरकार आंतकवाद की व्याख्या करने जा रही है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति की जगह देश को रखा है और देश का नुकसान करने वाले को कभी बख्शा नहीं जाना चाहिए. राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने का काम किया गया है.