अब राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी बुला ली, क्या नीतीश कुमार फिर कुछ बड़ा करने वाले हैं
क्या नीतीश कुमार (Nitish Kumar) फिर कोई बड़ा फैसला लेने वाले हैं? क्या वे फिर कुछ बड़ा करने वाले हैं? ये सवाल इसलिए पैदा हो रहे हैं क्योंकि जेडीयू (JDU) की पहले से तय राष्ट्रीय कार्यकारिणी (JDU National Executive) की बैठक के दिन ही नीतीश कुमार ने पार्टी की राष्ट्रीय परिषद (JDU National Council) की भी बैठक बुला ली है. 29 दिसंबर को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पहले से तय थी. अब खबर आ रही है कि 29 दिसंबर को ही जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की भी बैठक बुला ली गई है. जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 99 तो राष्ट्रीय परिषद की बैठक में 200 सदस्य हैं. इंडिया ब्लॉक (INDIA) की चौथी बैठक के बाद नीतीश कुमार की नाराजगी के बीच दोनों बैठकों को एक ही दिन बुलाए जाने से कई तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं. बता दें कि 29 दिसंबर को पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक होगी. फिर कार्यकारिणी की बैठक होगी और दोपहर बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक प्रस्तावित है.
वैसे भी नीतीश कुमार अपने सियासी फैसलों से न केवल लोगों बल्कि अपने ही दल के लोगों को चौंकाते रहे हैं. चाहे भाजपा से गठबंधन तोड़ने की बात हो या फिर जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने की बात हो या फिर राष्ट्रीय जनता दल से गठबंधन करने की बात हो, नीतीश कुमार अचरज पैदा करते रहे हैं. इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक में नीतीश कुमार का नाम न तो संयोजक पद के लिए और न ही प्रधानमंत्री पद के लिए उछाला गया. इसके उलट संयोजक और प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे कर दिया गया. हालांकि अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है लेकिन खड़गे के नाम से इनकार करना किसी भी दल के लिए मुफीद नहीं होगा.
नीतीश कुमार के लिए सबसे निराशाजनक बात यह है कि उनके नाम का किसी ने प्रस्ताव ही पेश नहीं किया. प्रस्ताव पेश होता तो चर्चा होती. तब पता चलता कि कौन इसके पक्ष में है और कौन विपक्ष में. इंडिया ब्लॉक की बैठक में तो ममता बनर्जी ने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव कर दिया और अरविंद केजरीवाल ने एक कदम आगे जाकर समर्थन कर दिया. इसके पीछे इन दोनों नेताओं का मकसद चाहे जो भी रहा हो, लेकिन इससे नीतीश कुमार को बड़ा धक्का लगा. हालांकि नीतीश कुमार ने कभी खुद को पीएम पद या संयोजक पद के लिए आगे नहीं किया, लेकिन उनकी पार्टी और नेता जोर शोर से नीतीश कुमार के पक्ष में लॉबिंग करते दिखते हैं. यहां तक कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद बिहार कांग्रेस के भी कुछ नेताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व क्षमता की तारीफ की थी.
अब खबर आ रही है कि नीतीश कुमार ने इंडिया ब्लॉक की बैठक में सीट शेयरिंग का मसला जल्द सुलझाए जाने की मांग की है. नीतीश कुमार का कहना है कि सीटों के बंटवारे का मसला जल्द से जल्द सुलझाया जाना चाहिए, क्योंकि लोकसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है. नीतीश कुमार ने इंडिया ब्लॉक की बैठक के अगले दिन अपनी पार्टी के सांसदों से भी मुलाकात की और कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्रों में जाएं और लोगों को बिहार सरकार की ओर से किए गए कामों को गिनाएं.