रोहिणी कोर्ट के बाद दिल्ली के सभी अदालत परिसरों का मेंटेनेंस भी किया जाए: आतिशी
कानून व पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने रोहिणी कोर्ट काम्प्लेक्स की दयनीय हालत को लेकर नाराजगी जताई है. इस बाबत उन्होंने प्रधान सचिव पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया है कि, 30 दिसंबर तक प्रधान सचिव पीडब्ल्यूडी, कानून विभाग के प्रधान सचिव के साथ बातचीत कर रोहिणी कोर्ट काम्प्लेक्स के लिए विस्तृत मेंटेनेंस कांट्रैक्ट का ड्राफ्ट तैयार करें.
बता दें कि, रोहिणी कोर्ट काम्प्लेक्स में खराब फैसिलिटीज मेंटेनेंस पर जजों और वकीलों से आ रहीं शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कानून मंत्री आतिशी ने रोहिणी कोर्ट परिसर का दौरा किया. इस दौरान कानून मंत्री ने पाया कि कोर्ट परिसर की हालत दयनीय ह. पूरी इमारत में सीलन की बड़ी समस्या है और इस कारण दीवारों और छत से पानी रिस रहा है. सीलन के कारण दीवारें नम और गंदी हो गई है और दीवारों से पेंट और सीमेंट उखड़ रहा है. उन्होंने पाया कि, फॉल्स सीलिंग भी खराब हालत में है. उसके कई पैनल गायब हैं और तार भी लटक रहे हैं.
साथ ही कानून मंत्री ने पाया कि कोर्ट रूम और वकीलों के चैम्बर में उचित रखरखाव का अभाव था. कोर्ट काम्प्लेक्स में बिल्डिंग की साफ-सफाई भी एक बड़ा मुद्दा था. यहां शौचालय, विशेषकर महिलाओं के शौचालय, गंदी हालत में थे. आतिशी ने इमारत के बेसमेंट का भी निरीक्षण किया, जिसकी हालत बहुत खराब थी. यहां बिजली की फिटिंग गायब थी, सीढ़ियां टूटी हुई थीं और अंधेरा छाया हुआ था.
कोर्ट परिसर की इस स्थिति को देखकर कानून मंत्री बेहद नाराज हुईं. उन्होंने कहा कि, रोहिणी कोर्ट कॉम्प्लेक्स का उपयोग बड़ी संख्या में जजों, वकीलों और उनके कर्मचारियों द्वारा किया जाता है. ऐसे में यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि इन लोगों को यहां अपना काम करने के दौरान किसी असुविधा का सामना न करना पड़े.
उन्होंने कहा कि इस कोर्ट में न्याय की तलाश में अपने कानूनी मुद्दों को सुलझाने के लिए रोजाना हजारों लोग भी आते हैं. उन्हें भी असुविधा पहुंचाना अमानवीय होगा. इसलिए, कोर्ट काम्प्लेक्स में बेहतर कोर्ट रूम, चैम्बर्स, स्वच्छ शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना और उन्हें ठीक स्थिति में रखना बहुत महत्वपूर्ण है.
कानून मंत्री ने कहा कि नियमों के अनुसार सभी अदालतों में बुनियादी सुविधाएं मौजूद होनी चाहिए और यह संयुक्त रूप से पीडब्ल्यूडी और कानून विभाग की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि, रोहिणी कोर्ट काम्प्लेक्स के अधिकांश मुद्दों को मेंटेनेंस कांट्रैक्ट के रूप में एक व्यापक फैसिलिटी मैनेजमेंट सिस्टम जिसमें इमारत की साफ-सफाई बुनियादी रखरखाव आदि शामिल हो इसके द्वारा आसानी से हल किया जा सकता है. यहां फैसिलिटी मैनेजर, जजों, वकीलों और आम जनता के सामने कोर्ट परिसर में आने वाले दिन-प्रतिदिन के समस्याओं को देखते हुए समाधान कर सकता है.
ऐसे में कानून मंत्री आतिशी ने प्रमुख सचिव (पीडब्ल्यूडी) को निर्देश दिए हैं कि वो 30 दिसंबर तक प्रमुख सचिव (कानून) के परामर्श से रोहिणी कोर्ट कॉम्प्लेक्स के मेंटेनेंस के लिए एक व्यापक मेंटेनेंस कांट्रैक्ट का ड्राफ्ट तैयार करें. इसके बाद, दिल्ली के सभी अदालत परिसरों का मेंटेनेंस इसी के तर्ज पर किया जाए