~अनिश्चितकालीन धरना के साढ़े तीन माह बीते.
नहीं पहुंचे स्थानीय विधायक और सांसद~
*_लगातार तीन दशकों से राजनीतिक षड्यंत्र तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अकर्मण्यता के कारण उपेक्षा का शिकार बनी रोसड़ा:- युवा नेता सह अधिवक्ता मिश्रा विश्व बारूद_*
रोसड़ा अनुमंडल को जिला का दर्जा दिलाने हेतु अनिश्चितकालीन धरना के साढ़े तीन महीने यानी 105 दिन आज पूर्ण हो गए।
1994 में जिला का दो बार घोषणा होने बाबजूद 30 वर्षों से लंबित मांग रोसड़ा अनुमंडल को जिला का दर्जा दिलाने हेतु लगातार 30 वर्षों आंदोलनरत अनुमंडल वासियों के द्वारा युवा नेता सह अधिवक्ता मिश्रा विश्व बारूद के नेतृत्व में लगभग साढ़े तीन महीने से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन इतने दिन बीतने के पश्चात धरना स्थल पर शासन, प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधि के कोई व्यक्ति धरनार्थियों की सुधि लेने तथा वार्ता करने तक नहीं पहुंचे इससे प्रतीत होता है बिहार सरकार जनसमस्या को नजरअंदाज करने का कार्य कर रही है एवं बिहार में लोकतांत्रिक व्यवस्था समाप्त हो चुकी है।
जिससे समाज के गरीब, दलित, वंचित तथा शोषित, व्यवसायी, नौजवान, छात्र, व अन्य वर्गों तक सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके तथा प्रशासनिक व्यवस्थाएँ उपलब्ध कराए जा सके तथा रोसड़ा क्षेत्र का बहुआयामी चौमुखी विकास हो सके।
30 वर्षों से तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं के द्वारा रोसड़ा अनुमंडल की जनता को जल्द बनेगा रोसड़ा जिला झूठी आश्वासन की घुटी पिलाई गई।
आने वाले विधानसभा व लोकसभा के चुनाव में यहां की स्थानीय जनता वोट का बहिष्कार करेगी। धरना में व्रज किशोर झा, डाॅ. प्यारे मोहन, लेखक सौरभ कुमार बृहस्पति, अर्जुन सिंह रोसड़ा, धनंजय कुमार झा, मनोज पूर्वे, अमित कुमार, महंत अरविंद दास, मोनू कुमार समेत दर्जनों अनुमंडल वासी उपस्थित थे