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परमात्मा एक हैं और देवी-देवतायें अनेक हैं: सोनिका बहन*

*परमात्मा एक हैं और देवी-देवतायें अनेक हैं: सोनिका बहन*

विभूतिपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, समस्तीपुर द्वारा पिछले तीन दिनों से सिंघिया घाट स्थित दुर्गा स्थान में चल रहे स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी का लाभ प्रखंडवासी बड़ी संख्या में ले रहे हैं।

वहीं सात दिवसीय राजयोग मेडिटेशन शिविर के दूसरे दिन परमात्मा के सत्य परिचय के बारे में बताते हुए सोनिका बहन ने कहा कि परमात्मा एक हैं और देवी-देवतायें अनेक हैं। इसलिए भारत में 33 करोड़ देवी-देवताओं का गायन है। किसी भी देवी-देवता, धर्म-संस्थापक या साधु-संत को परमात्मा नहीं कहा जा सकता। अगर ऐसा होता है तो परमात्मा अनेक हो जायें। परमात्मा सभी मनुष्य आत्माओं और इस सृष्टि का रचयिता है। बाकी सभी उनकी रचना हैं। चूंकि परमात्मा एक है और उनका निवास-स्थान भी एक परमधाम ही है इसलिए उन्हें सर्वव्यापी भी नहीं कहा जा सकता। परमात्मा अभी सृष्टि पर आकर मनुष्य को देवतुल्य बना रहे हैं। जिनका जीवन परमात्मा द्वारा दिए जा रहे ज्ञान का संपूर्ण स्वरूप है, उनके जीवन में कहीं कोई अपूर्णता नजर नहीं आती इसलिए उन्हें भी भगवान मान लिया गया। किंतु भगवान एक निराकार परमपिता परमात्मा शिव हैं, जो जन्म-मरण से न्यारे हैं लेकिन अपना दिव्य कर्तव्य करने के लिए ब्रह्मा तन में अवतरित होते हैं। अभी परमात्मा अति गुप्त रीति से सृष्टि परिवर्तन का महान कार्य कर रहे हैं, शीघ्र ही सतयुगी दुनिया आने वाली है। इस दुनिया में चलने के लिए हम परमात्म-ज्ञान से अभी अपने दैवी संस्कारों का निर्माण कर रहे हैं। जिससे यह संसार दैवी बनेगा। घर-गृहस्थ में रहकर अपना कार्य-व्यवहार करते हुए परमात्मा पिता का वर्सा दिलाकर नई सतयुगी दुनिया में ले चलने की परमात्म-योजना से अवगत कराने हेतु प्रखंड वासियों के लिए यह नि:शुल्क आयोजन किया गया है।

सोमवार को प्रदर्शनी का आखिरी दिन है। सात दिवसीय शिविर दोपहर 2:00 से 3:30 बजे तक यथावत चलता रहेगा।

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Author: pnews

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