मानवता शर्मसार! नसबंदी शिविर में महिलाओं की जान से खिलवाड़, ऑपरेशन के बाद बरामदे में लिटाया
मध्य प्रदेश (MP News) के बैतूल जिले के एक सरकारी अस्पताल से लापरवाही की खबर सामने आई है. बता दें कि जिले के मुलताई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में एलटीटी ऑपरेशन (नसबंदी शिविर) लगाया गया था. कैंप में महिलाओं का ऑपरेशन किया गया लेकिन ऑपरेशन के तुरंत बाद महिलाओं को खुले बरामदे में लिटा दिया गया जहां से लोगों का आना- जाना हो रहा था. हालांकि इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि इन्हें इसलिए नीचे गद्दे पर लिटाया जाता है ताकि आराम मिल सके.
कैंप का किया गया था आयोजन
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के बैतूल जिले के मुलताई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आज एलटीटी ऑपरेशन कैंप का आयोजन किया गया था. ऑपरेशन के तुरंत बाद महिलाओं को खुले बरामदे में गद्दों पर लिटा दिया गया और वहां से लोग जूते,चप्पल पहन कर आ – जा रहे थे. जमीन पर बिछाए हुए गद्दे पर चादर की भी व्यवस्था नहीं की गई थी ऐसे में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है. बता दें कि ऑपरेशन कराने के लिए 100 से ज्यादा महिलाओं ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. जिसके तहत महिलाओं का ऑपरेशन किया गया था.
बरामदे में गद्दे पर लेटी हुई महिलाओं का वीडियो जब लोगों तक पहुंचना शुरू हुआ तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. इस पर बैतूल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि जमीन पर महिलाओं को लेटाना स्वास्थ्य के हिसाब से सही होता है और उन्हें आराम मिलता है. इसके अलावा इन्हें जमीन पर इस लिए लिटाया गया ताकि वो बेड से गिर ना जाए. इसके अलावा अधिकारी ने साफ सफाई की बात भी कही है.
हो चुकी है लापरवाही
इसके पहले प्रदेश के शिवपुरी जिला अस्पताल में भी लापरवाही का मामला सामने आया था. बता दें कि कि सिरसौद थाना क्षेत्र के खोरगार गांव की रहने वाली रजनदेवी जाटव को प्रसव पीड़ा के बाद जिला अस्पताल प्रसव के लिए लाया गया था. लेकिन डॉक्टर के केबिन से पहुंचने से पहले ही प्रसूता ने जिला अस्पताल की गैलरी में ही नवजात को जन्म दे दिया था. रजन देवी की सास सवोत्रा जाटव ने बताया की बहू की डिलीवरी होने के बाद स्टाफ को सूचना लगी थी. इसके बाद स्टाफ के द्वारा ही जच्चा बच्चा को वार्ड में भर्ती किया गया था. बता दें कि जच्चा बच्चा दोनों की हालत सामान्य है, दोनों पूरी तरह सुरक्षित है.