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कलियुग अभी बच्चा नहीं, बस थोड़ा सा बचा हुआ है- सोनिका बहन*

*कलियुग अभी बच्चा नहीं, बस थोड़ा सा बचा हुआ है- सोनिका बहन*

कलियुग की आयु लाखों वर्ष कह दी गई और वर्तमान समय को इसका बचपन मान लिया गया। अगर बचपन में ही इतना पापाचार-भ्रष्टाचार है, तो बुढ़ापे में क्या होगा? इसलिए कलियुग अभी बच्चा नहीं है, थोड़ा सा बचा हुआ है। उक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, समस्तीपुर द्वारा सिंघिया घाट में दुर्गा स्थान के समीप चल रहे राजयोग मेडिटेशन शिविर के अंतिम दिन कलियुग महाविनाश विषय पर संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी सोनिका बहन ने कही।

उन्होंने कहा वर्तमान समय धर्मग्लानि के हर लक्षण विद्यमान हैं। चारों ओर रावणराज्य अर्थात् विकारों का साम्राज्य चल रहा है। जहां काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार का बोलबाला है। अभी के समय को देखकर ही कहा भी गया है- कलियुग बैठा मार कुंडली, जाऊं तो मैं कहां जाऊं, घर-घर में है रावण बैठा, इतने राम कहां से लाऊं! रावण के पास धन भी अथाह था, सोने की लंका थी‌। बुद्धि भी तीक्ष्ण और कुशाग्र थी, बड़ा विद्वान था। बल में भी उसकी कोई बराबरी करने वाला नहीं था। सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र थे। भक्ति भी उस जैसी करने वाला उस समय कोई नहीं था। लेकिन उसके भीतर अनैतिकता थी और अहंकार था, यही उसके अंत का कारण बना। आज के युग में मानव के पास भी धन बल बुद्धि और भक्ति चारों है, लेकिन अनैतिकता और अहंकार भी चरम पर है। जो धर्म कभी सुख-शान्ति का मूल था, वही धर्म आज झगड़े व वैमनस्यता का बड़ा कारण बनता जा रहा है। धर्म के नाम पर अधर्म फैलता जा रहा है। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य, पर्यावरण संबंधी समस्यायें, भौगोलिक परिस्थितियों, बढ़ती हुई लाइलाज बीमारियों, तेजी से चारित्रिक पतन को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह सृष्टि ज्यादा समय तक रहने लायक नहीं रही।

इसलिए ऐसे समय पर परमात्मा आकर संदेश देते हैं जागो-जागो! समय पहचानो। कलियुग का शीघ्र विनाश होने वाला है और सतयुग आने वाला है। इसलिए सतयुग में चलने के लिए अपने संस्कारों को दिव्य और श्रेष्ठ बनाना आवश्यक है, जिसके लिए परमात्मा अभी श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ मत दे रहे हैं और गीता वर्णित राजयोग सिखाकर हमारे अंदर दैवी संस्कारों का निर्माण कर रहे हैं।

शिविर में लोग बड़ी संख्या में लाभान्वित हुए। सभी को शिविर के अंतिम दिन प्रसाद एवं परमपिता परमात्मा शिव बाबा का चित्र उपहार स्वरूप दिया गया। अब प्रतिदिन परमात्म-महावाक्यों का रसास्वादन शिविरार्थी कर सकेंगे।

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Author: pnews

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