हिट एंड रन का कानून क्यों बना विवाद की वजह, अमेरिका जैसे देशों में क्या कहता है ऐक्ट
देश में सड़क दुर्घटनों को रोकने और दोषियों को कड़ी सजा देने के लिए सरकार हिट एंड रन के नए कानून को लेकर आई. लेकिन ट्रक ड्राइवरों व अन्य कई ड्राइवर्स संगठनों ने इसका विरोध किया. इस विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार इस कानून को लेकर बैकफुट पर आ गई और फिलहाल इसे लागू करने से इंकार कर दिया.है. ट्रक ड्राइवर हिट एंड रन के इस नए कानून का विरोध क्यों कर रहे हैं इस बारे में अमरीश त्रिवेदी ने बात की ट्रैक्स, रोड सेफ्टी एनजीओ के अध्यक्ष अनुराग कुलश्रेष्ठ से. पढ़िए उनकी बातचीत के जरूरी अंश..
सवाल – हिट एंड रन के नए कानून के विरोध का सबसे बड़ा कारण क्या है?
जवाब- सरकार को हिट एंड रन कानून को लागू करने से पहले कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना होगा. सिर्फ कानून को लागू करने से सुधार नहीं आएगा. सबसे पहले इंफोर्स्मेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना जरूरी है. अभी हमारे देश में इस तरह की सुविधाएं नहीं है जो ड्राइवरों की यात्रा सुगम बनाए. ऐसे में हादसों की आशंका बनी रहती है, इस मामले में पूरी तरह से ड्राइवरों को दोषी करार नहीं दिया जा सकता.
सवाल- इंफ्रास्ट्रक्टर किस तरह से कमजोर है?
जवाब- इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों को समझने के लिए बहुत सी बातों पर ध्यान देना होगा. उदहारण के तौर पर गाँव की बहुत सी सड़कें नेशनल हाइवे पर खुलती हैं. ऐसे में हादसों के डर से ड्राइवर उस साइड की लेन में गाडी चलाने से कतराते हैं . इसके अलावा कई मुख्य सड़कों पर कैमरे नहीं लगे हैं, ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो ड्राइवर की गलती न होने पर भी उसी को दोषी करार दिया जाएगा. इस कानून के तहत गलती साबित न होने पर भी ड्राइवर को सजा मिल सकती है.
सवाल- इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का कितना ध्यान है?
जवाब- इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने पड़ेंगे. देश के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी यह बात स्वीकार करते हैं कि देश में कई सड़कों की बनावट ठीक ढंग से नहीं की गयी है. इन सड़कों का ढांचा ही गलत है. ऐसे में अगर इन सड़क पर कोई दुर्घटना हो जाए तो केवल ड्राइवर को सजा देना न्यायसंगत नहीं है. इस तरह की सड़कों को सुधारने पर जोर देना चाहिए न कि सजा पर.
सवाल-स्पीड लिमिट जैसे नियम सड़क हादसों को काम करने में कितने मददगार है..
जवाब- स्पीड लिमिट के नियम में भी ट्रक ड्राइवर्स को परेशानी का सामना करना पड़ता है. अगर हाइवे पर ट्रक ड्राइवर्स की स्पीड लिमिट 60 किलोमीटर प्रति घंटा है और कार के लिए यह स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा है तो कार ड्राइवर्स ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश करते हैं और ऐसे में हादसा हो सकता है. इसलिए इंफोर्स्मेंट पर जोर देना जरुरी है.
सवाल- हादसों को रोकने के लिए समाधान क्या है ?
जवाब-सबसे पहले तो सरकार को सेफ सिस्टम अप्रोच के तहत काम करना होगा. सड़कों की बनावट, कैमरे, लाइसेंस प्रक्रिया और यातायात नियमों के प्रति जागरूकता, इन सब बातों पर ध्यान देना होगा. अभी सड़क और यातायात नियमों को लेकर जनता में जागरूकता की बहुत कमी है. हर स्कूल में टीचर को जिम्मेदारी देनी चाहिए कि सड़क नियमों के विषय में जानकारी दी जाए. हर आम नागरिक को सभी नियम पता होना चाहिए. केवल सुरक्षा सप्ताह मनाने से जागरूकता लाना मुश्किल है