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सरकार ने रसोइयों का मानदेय नहीं बढ़ाकर अपनाया भेदभाव पूर्ण रवैया : प्रभात रंजन*

*सरकार ने रसोइयों का मानदेय नहीं बढ़ाकर अपनाया भेदभाव पूर्ण रवैया : प्रभात रंजन*

समस्तीपुर : बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू) प्रखंड कमिटी की बैठक प्रखंड अध्यक्ष गिरजा देवी की अध्यक्षता, सचिव प्रभात रंजन गुप्ता के संचालन में योगियामठ स्थित कबीरमठ के पास शनिवार को ताजपुर में संपन्न हुआ । बैठक को संबोधित करते हुए संघ के संरक्षक सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) व अन्य तीन रसोइया यूनियनों के प्रतिनिधियों से माननीय शिक्षामंत्री व एमडीएम निदेशक से रसोईयों के मानदेय वृद्धि सहित 13 सुत्री मांगे पर पिछले दिनों संपन्न वार्ता में शिक्षामंत्री की बात मानकर 30 नवंबर की प्रस्तावित हड़ताल को स्थगित कर दिया गया था । उस दौरान सरकार ने एक महीने के अंदर बिहार की लगभग 2.25 लाख विद्यालय का रसोईयों के मानदेय मद में वृद्धि व अन्य मंगों को पूरा कर दिए जाने की बात पर सहमति बनी थी परन्तु एक माह से ज्यादा समय बीत जाने के वाबजूद सरकार ने वादा खिलाफी करते हुए अभी तक रसोइयों का मानदेय नहीं बढ़ाया है इसीलिए 13 सूत्री मांगों को पूरा करने के लिए पूरे बिहार में 19 व 20 जनवरी को बीआरसी (प्रखंड संसाधन केंद्र) पर प्रदर्शन किया जाएगा । उन्होंने कहा कि बिहार के सबसे कमजोर वर्गों से आने वाले रसोइया कर्मियों के मानदेय राशि में सरकार ने पिछले चार वर्षों में कोई वृद्धि नहीं किया है । बैठक में सुनीता देवी, शिवकुमारी देवी, शांति देवी, इंद्रा देवी, गीता देवी, पिंकी देवी, मीरा देवी, बसंती देवी, मुन्नी देवी, रेहाना खातुन, रंजू देवी, आशा कुमारी समेत दर्जनों रसोईया ने भाग लेकर ताजपुर बीआरसी पर 20 जनवरी को आहूत धरना को बड़ी भागीदारी से सफल बनाने का संकल्प लिया ।

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Author: pnews

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बिहार में क्यों बढ़ रहे हैं एड्स के मरीज? बिहार में इन दिनों एड्स के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राज्य के तीन जिले के लोग इस जानलेवा बीमारी से ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. वहीं बिहार में एड्स के मामलों में आई तेजी को देखकर स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है. राज्य के संक्रमित जिलों की अगर बात करें तो पश्चिम चंपारण के बेतिया अभी 3583 मरीज HIV पॉजिटिव पाए गए हैं तो दूसरी तरफ गोपालगंज जिले में भी 3000 से ज्यादा पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. इन दो जिलों में लगातार बढ़ कहे संक्रमितों की संख्या को देखकर भारत सरकार और बिहार सरकार द्वारा संबंधित जिलों में युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा बिहार के अरवल जिला में भी एड्स तेजी से पांव पसार रहा है. आलम ये है कि जिले में हर महीने 3 से 4 नए मरीज सामने आ रहे है. बिहार में लगातार बढ़ रहे एड्स के बीच आज हम आपको इससे मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं. एड्स की बीमारी ह्यूमन इम्यूनोडेफ़िशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होती है. जिस इंसान को एचआईवी हो जाता है वो उसके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देता है, जिससे संक्रमित को कई तरह की बीमारियों और संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है. एचआईवी से संक्रमित इंसान के शरीर में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे शरीर किसी भी संक्रमण से लड़ने की शक्ति खो देती है. एचआईवी वायरस हमेशा इंसान के शरीर में रहता है. इसके साथ ही एचआईवी संक्रमित मरीज में निमोनिया, कैंसर जैसी कई तरह की बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है.एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति बिना किसी लक्षण के भी बीमारी पड़ सकता है. ऐसे में एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को जल्दी जांच करवाकर इलाज शुरू कर देना चाहिए. एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी दी जाती है. इसके साथ ही एचआईवी के संक्रमण से बचने ते लिए व्यक्ति को कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए.