बाल ठाकरे ने मुस्लिम नेता के साथ बसाया था जो इलाका, वहां जहर किसने घोला?
शिवसेना सुप्रीमो रहे बाल ठाकरे ने सांप्रदायिक सद्भाव के लिए मुस्लिम नेता के साथ मुंबई के पास जो इलाका बसाया था, वहां अब नफरत का साया छाया हुआ है. हिंदुओं के जुलूस पर पथराव करने के आरोप में सरकार के बुल्डोजर गरज रहे हैं और जगह-जगह फैले एनक्रोचमेंट को ध्वस्त किया जा रहा है. इस घटनाक्रम के बाद हिंदू और मुसलमान एक-दूसरे को शक की नजरों से देख रहे हैं. तनाव फैलने से रोकने के लिए पूरे इलाके में भारी पुलिस फोर्स तैनात है और जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई है. लोगों के आई कार्डों की जांच की जा रही है. आखिर अमन का प्रतीक कहे जाने वाले इस इलाके में जहर किसने घोल दिया. कौन है इसके पीछे का विलेन, जिसने वहां की शांति छीन ली. आज हम सांप्रदायिक सद्भाव के प्रतीक कहे जाने वाले ‘नया नगर’ में फैलती नफरत के बारे में बताने जा रहे है
पुनर्सीमांकन के बाद वर्ष 2009 में मीरा भायंदर नाम से नई असेंबली सीट का गठन किया गया. इसके बाद से बीजेपी का उस पर कब्जा रहा है. चाहे असेंबली सीट की बात हो या फिर नगर निगम की, दोनों जगह बीजेपी का एकछत्र राज चलता रहा है.
रामभक्तों पर पथराव से खराब हुआ माहौल
यह इलाका इससे पहले उस समय सुर्खियों में आया था, जब 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोटों के तीन आरोपी, जिन्हें बाद में दोषी ठहराया गया था. वे नया नगर कॉलोनी के निवासी पाए गए ते. हालांकि इस सजा के बाद भी कॉलोनी में शांति बनी रही. अब राम भक्तों पर पथराव और उसके बाद सरकारी कार्रवाई से वहां पर तनाव मिश्रित घबराहट है. मीरा रोड के लोग कहते हैं कि इससे पहले नया नगर में शायद ही कोई सांप्रदायिक झगड़ा हुआ हो लेकिन अब वह परंपरा टूट गई.
कई लोगों का आरोप है कि जुलूस में शामिल कई लोग उत्तेजक नारे लगा रहे थे. जिसके बाद कॉलोनी के रहने वाले लोगों ने आपा खो दिया. अगर वे उस संयम बनाए रखते तो न उनकी दुकानें टूटती और न ही घर ध्वस्त होते. उस 10 मिनट के गुस्से ने इलाके के लोगों के लिए भारी नुकसान कर दिया. अब इलाके में जगह-जगह बैरिकेड लगे हैं, जहां पुलिस लोगों को आई कार्ड देखकर एंट्री दे रही है. लग ही नहीं रहा कि यह वही इलाका है, जहां सभी लोग बरसों से एक साथ रहते आए हैं.