पहली बार रेप के मामले में नाबालिग को सुनाई गई उम्रकैद की सजा
छत्तीसगढ़ में पॉक्सो एक्ट में संशोधन करते हुए पहली बार किसी नाबालिग दुष्कर्मी को उम्र कैद की सजा की सुनाई गई है. मामला बलौदाबाजार का है. यहां कुछ दिनों पहले एक 7 साल की बच्ची के साथ रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. अब इस मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रशांत पराशर ने सुनवाई करते हुए 3 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. दोषियों में एक महिला, उसका नाबालिग बेटा और एक शख्स शामिल है. जानिए पूरा मामला-
3 साल पुराना है मामला
मामला 3 साल पुराना है. 26 मई 2021 को कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली 7 साल की बच्ची अपनी पड़ोसी सहेली के घर खेलने गई थी. देर शाम तक जब वह नहीं लौटी तो परिजनों ने तलाश शुरू की. दूसरे दिन कुएं में बच्ची का शव का मिला था. इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दी गई. शव को पानी में तैरता हुए देख जब बाहर निकाला गया तो उसे हाथ-पैर बंधे हुए पाए गए. साथ ही उसकी नाक से खून भी निकल रहा था.
जांच में हुआ रेप और हत्या का खुलासा
बच्ची की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप के बाद गला दबाकर जान से मारने का खुलासा हुआ. बच्ची की हत्या करने के बाद उसके हाथ-पैर बांध दिए गए और फिर उसे कुएं में फेंक दिया.
सहेली के भाई ने किया था दुष्कर्म
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि जब बच्ची अपनी सहेली के घर खेलने गई थी. तब सहेली का भाई मासूम को खींचकर ले गया.बाथरूम में उसके साथ दुषकर्म किया. जब बच्ची बेहोश हो गई तो उसका गला दबा कर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को फेंकने के लिए अपने साथी को बुलाया.
अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रशांत पराशर की कोर्ट में इस मामले की पूरी सुनवाई हुई. इस मामले में कोर्ट के सामने 29 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया. बयानों, बचाव पक्ष और आयोजन पक्ष के दलीलों को सुनने के बाद रेप और हत्या साबित हुई. इस मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रशांत पराशर ने बुधरा बाई, उसके नाबालिग बेटे और पड़ोसी दोस्त मुकेश उर्फ जगमोहन को दोषी माना है. तीनों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.