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श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के आश्रम में श्रद्धालु लोगो का काफी भीड़ लगी रहती है

श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के आश्रम में श्रद्धालु लोगो का काफी भीड़ लगी रहती है

चीफ एडिटर कृष्ण कुमार संजय 9973956223

श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जन्म 27 सितंबर 1989 को जबलपुर मध्यप्रदेश में हुआ था। बताया जाता है कि इनके जन्म स्थान से विष्णु वराह भगवान की नगरी महज 9 किमी की दूरी पर रिंवझा नामक जगह पर है, जहाँ इनका जन्म हुआ था। इनके बारे में बताया जाता है कि यह बाल्यकाल से ही अपने गांव के ही श्री राधा कृष्ण मंदिर पर नित्य जाकर ठाकुर जी की सेवा पूजा में लगे रहते थे।

पारंपरिक गौ भक्त परिवार के होने की वजह से इनको गौ माता की सेवा करने में बहुत आनंद मिलता था, आज भी यह इस सेवा को जारी रखे हैं। बताया जाता है की महाराज को गौ माता के बछड़ों के साथ खेलना बहुत पसंद है। जब महाराज छोटे थे तब गाय चराने जाते थे तो अपने साथ हनुमान चालीसा और गीता ले जाते थे, जिसका यह नित्य प्रति पाठ किया करते थे, और अपने सहपाठियों से भी इसका पाठ करवाया करते थे।

बहुत कम उम्र में महराजी ने शास्त्रों को कंठष्थ कर लिया था।
इनके गुरु – श्री गिर्राज शास्त्री जी महाराज थे
राम कथा का ज्ञान – अंजनी गुफा वाले गुरु से
सनातन धर्म की ध्वजा को लहराते हुए प्रचार प्रसार भी इन्होने किया है।सबसे पहले महाराज जी के कार्यों के बारे में बात करें तो यह एक अच्छे कथावाचक हैं, यह अपनी कथाओं के माध्यम से लोगों को अच्छी राह पर चलने को कहते हैं, ताकि देश और समाज का अच्छा विकास हो लोगों की सोच में भगवान की भक्ति हो। यह अपनी कथा में हमेशा लोगों को भक्ति के मार्गे पर चलने की सलाह देते है ताकि लोगों को एक अच्छा जीवन जीने का अवसर मिल सके
महराजी गरीब , असहाय, ओर जरूरतमंदों का सहारा भी बने हुए हैं, इनके बारे में कहा जाता है कि यह अपने संस्थान में गरीब कन्यायों की शादी भी करवाते हैं।
महाराजी ने अभी तक लगभग 500 से ज्यादा कथाएं समस्त भारतवर्ष में कर चुके हैं।
इनके द्वारा प्रत्येक धार्मिक कार्यक्रम में वृद्धमाताओं की सेवा भी की जाती है।
दींन दुःखी वृद्धजनों की सेवा करना और समाज में अच्छा सन्देश देना इनका लक्ष्य रहता है।
महाराज जी ने 23 जनवरी 2016 को इंदौर मध्यप्रदेश में श्री गौ गौरी गोपाल सेवा संस्थान समिति की नींव रखी थी।
दिनांक 16 मई 2019 को “गौरी गोपाल आश्रम” की नींव भी महाराज श्री द्वारा ही की गयी थी।
यह जानवरों को और बंदरों की भी सेवा भी करते हैं, प्रतिदिन लोगों की सेवा भी करते हैं।
बृद्ध माताओं का पैर भी दबाते हैं
श्री अनिरुद्धाचार्य ने बहुत कम उम्र में देश के बड़े कथावाचक गुरु लोगों को पीछे छोड़ दिया है।
इनकी कथा सुनाने की शैली बहुत ही सुन्दर है।
एक बृद्ध माता का जीवनभर की सेवा के लिए 21 हजार रूपये लोग इनकी संस्था को दान देते हैं।
इनकी कथाओं काफी विस्तार भारत में इन दिनों देखने को मिल रहा है।

बताते चले की वृंदावन स्थित गौरी गोपाल आश्रम में भी महाराज जी श्री अनुराधाचार्य के कथा सुनने के लिए काफी लोगो की भीड़ लगी रहती है , वही दूर दराज से आए हुए श्रद्धालु लोगो को खाने कर लिए प्रति दिन, दिनभर भंडारा का उत्तम व्यवस्था रहता है।बिहार के दरभंगा जिले के कुशेश्वर स्थान थाना क्षेत्र के महिसाठ गांव में पिछले वर्ष 2023 में आए तो उनका प्रवचन सुनने एवम् महाराजी को दर्शन करने के लिए कई लाख श्रद्धालु लोग पहुंचे थे लगभग 5लाख से ज्यादा लोगो का भीड़ लग गई थी इनके पिता का नाम श्री अवधेशानंद गिरी है और उनके पिता भागवताचार्य थे, जिस वजह से बचपन से ही इनका रुझान आध्यात्मिक क्षेत्रों में रहा है। इन्हें बचपन से ही गाय की सेवा करना बेहद पसंद था जिस वजह से वे आज भी गाय को अपनी माता का दर्जा देते हैं।

 

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Author: pnews

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