फांसी से उम्रकैद और फिर आजादी
कतर ने 8 पूर्व भारतीय नैवी अफसरों को फांसी की सजाई सुनाई थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्सनल लेवल पर इसे सुलझाने में लगे हुए थे. पीएम मोदी और उनकी टीम से प्रभावित कतर ने फांसी का आदेश उम्रकैद में बदला फिर सभी भारतीय अफसरों को रिहा कर दिया. रिहा होकर 7 लोग भारत भी लौट चुके हैं. इस फैसले का धन्यवाद करने पीएम मोदी अब खुद कतर जाएंगे.
खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिन का समय दिया था. पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुबई में ‘कॉप 28’ शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी से मुलाकात की थी और कतर में भारतीय समुदाय के कल्याण पर चर्चा की थी.
अजीत डोभाल ने निभाया अहम रोल
यह पता चला है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने में कतर के अधिकारियों के साथ बातचीत में भूमिका निभाई थी. भारत सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों को लागू करने की संभावना भी विचार कर रहा था. भारत और कतर के बीच 2015 में हुए समझौते के तहत भारत तथा कतर के उन नागरिकों के अपने-अपने देश में सजा काटने का प्रावधान है जिन्हें किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई गई है.