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इस्लाम कबूल करने वाले राजपूत राजा के बेटे के नाम पर बना आजमगढ़

इस्लाम कबूल करने वाले राजपूत राजा के बेटे के नाम पर बना आजमगढ़

 

यूपी का आजमगढ़ शहर इन‍ दिनों सुर्खियों में है. वजह पीएम मोदी का दौरा. लोकसभा 2024 में पूर्वांचल के 20 जिलों को साधने के लिए पीएम मोदी यहीं से चुनाव का शंखनाद करेंगे. सपा का मजबूत किला भेदने के लिए 10 मार्च को पीएम मोदी आजमगढ़ आ रहे हैं. तमसा नदी के किनारे बसा आजमगढ़ शहर अपने इतिहास और पौराणिक कथाओं के लिए भी जाना जाता है. अंग्रेजों की गुलामी से मुक्‍त होने सबसे पहला शहर आजमगढ़ ही है. तो आइये जानते हैं आजमगढ़ शहर का इतिहास.

किसने बसाया शहर?
आजमगढ़ की स्‍थापना 1665 ईस्‍वी में हुई थी. इसे राजा विक्रमाजीत सिंह गौतम के बड़े पुत्र आजम शाह ने बसाया था. उन्‍हीं के नाम पर इस शहर का नाम आजमगढ़ पड़ गया. पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव की शक्ति माता सती ने यही पर अग्निदाह किया था, जब उनके पिता राजा दक्ष ने भगवान शिव का अपमान किया था. इस पवित्र स्‍थल पर आज भी हर महीने पूर्णिमा के दिन मेले लगता है.

81 दिनों में अंग्रेजों से मुक्‍त हुआ
वहीं, इस शहर के ऐतिहासिक महत्‍व की बात करें तो अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने वाला यह सबसे पहला शहर है. 1857 की क्रांति में आजाद होने वाला पहला शहर बना. बताया जाता है कि अंग्रेजों की गुलामी से यह शहर 81 दिनों में ही मुक्‍त हो गया था. हालांकि, बाद में फ‍िर से अंग्रेजों ने कब्‍जा कर लिया.

कई ऋषियों की तपोस्‍थली रही
इसके अलावा आजमगढ़ कई ऋषियों की तपोस्‍थली भी रही. यहां दुर्वासा ऋषि का आश्रम है. जहां कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़े मेले का आयोजन होता है. इसके अलावा यहां पास में ही दत्तात्रेय का आश्रम, चंद्रमा ऋषि का आश्रम, बाबा मुसई दास की तपस्थली भी है. आजमगढ़ को रामायण काल के कौशल राज का हिस्सा भी बताया जाता है.

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Author: pnews

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