जेलर समेत 14 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद
जालौन जिला कारागार में 14 साल पहले गैंगवार में मारे गए 2 बंदियों की हत्या के मामले में जेलर समेत 14 लोगों पर गाज गिरी है. जिला जज ने तत्कालीन जेलर समेत 22 लोगों को दोषी माना है. कोर्ट ने इनमें से जेलर समेत 14 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बाकी 8 दोषियों को कल सजा सुनाई जाएगी. साथ ही कोर्ट ने 1-1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
यह है 14 साल पुराना मामला
दरअसल, यह पूरा मामला उरई जिला कारागार है. यहां 20 मार्च 2010 को मुख्तार गैंग के सदस्य प्रिंस अहमद व नासिर की जेल में गैंगवार के दौरान हत्या हो गई थी. इसमें जेलर समेत 22 लोगों पर जेल में बम विस्फोट करने एवं बंदियों पर ही उसकी हत्या कराने की एफआईआर दर्ज कराई गई थी. वहीं, नासिर के पिता आयूब खान ने जेल कर्मचारियों राजकुमार, नृपेंद्र, राम अवतार, अनिल शर्मा, डिप्टी जेलर सुनील दत्त मिश्रा, जेलर नत्थू सिंह, जेल अधीक्षक अविनाश गौतम के खिलाफ उरई कोतवाली में शिकायत दी थी.
पुलिस जांच में कई खुलासे हुए. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में सुघर सिंह, सत्यभान उर्फ लाला, राजा भैया, राजू तीतरा, अखिलेश, मुन्ना केवट, रामनारायण, जेलर नत्थू सिंह सेंगर, राम मनोरथ, रामशरण, राजकुमार, नृपेंद्र, अनिल शर्मा, शशिकांत तिवारी, जेल अधीक्षक अविनाश गौतम के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. कोर्ट में सुनवाई हुई. जिला जज लल्लू सिंह ने जेलर नत्थू सिंह निवासी बांदा, राम मनोरथ पाल निवासी प्रयागराज, राम शरण निवासी हमीरपुर, राजकुमार निवासी झांसी, अनिल शर्मा निवासी ललितपुर, शशिकांत तिवारी निवासी प्रयागराज, सुघर निवासी जालौन सहित सभी 22 लोगों को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने जेलर समेत 14 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, 8 लोगों के खिलाफ कल सजा सुनाई जाएगी.