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डीएलएड परीक्षा में नेल पॉलिश मेंहदी लगाकर जाना वर्जित है

डीएलएड परीक्षा में नेल पॉलिश मेंहदी लगाकर जाना वर्जित है

बिहार में डीएलएड के लिए एंट्रेंस एग्जाम के बारे में बहुत सारी चर्चाएं हैं. इस बार प्राइमरी शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को बाहर रखा गया है. इसलिए डीएलएड आवेदन के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. बिहार डीएलएड प्रवेश परीक्षा के लिए 681,982 छात्रों ने आवेदन किया है. परीक्षा 9 जिलों में 53 परीक्षा केंद्रों में आयोजित की जाएगी, जिसमें पटना में 36 केंद्र हैं. परीक्षा 30 मार्च से 28 अप्रैल तक होगी, लेकिन कुछ तारीखों पर परीक्षा नहीं होगी क्योंकि इन दिनों लोकसभा चुनाव भी होने वाला है. छात्र अपना एडमिट कार्ड biharboardonline.bihar.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं.

प्रथम पाली की परीक्षा 10 बजे और द्वितीय पाली 3 बजे से 
जानकारी के लिए बता दें कि बिहार में लोकसभा चुनाव की तिथि 19 अप्रैल 2024 तय होने के कारण कुछ जिलों में परीक्षा नहीं होगी. गया, भागलपुर और पूर्णिया में परीक्षा केंद्रों पर 30 मार्च से 23 अप्रैल तक परीक्षा नहीं होगी. परीक्षा के दौरान 5 महत्वपूर्ण नियम हैं. प्रथम पाली की परीक्षा 10 बजे से 12:30 बजे तक होगी और द्वितीय पाली 3 बजे से 5:30 बजे तक.

कंप्यूटर आधारित होगी परीक्षा
परीक्षा कक्ष में जूता-मोजा पहन कर प्रवेश वर्जित है. परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराया जाएगा. परीक्षार्थियों को अपने एडमिट कार्ड के साथ वैध और मूल फोटो पहचान पत्र लेकर जाना होगा. परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी और उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड 10 मिनट पहले दिए जाएंगे.

परीक्षा कक्ष में बनाए गए है ये नियम
परीक्षा के दिन साथ में पेंसिल और बॉल पेन लेकर जाना होगा. पुस्तक, नोटबुक, कैलकुलेटर और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लेकर परीक्षा कक्ष में नहीं जाना है. परीक्षा के समय प्रवेश पत्र के सामने साइन करना अनिवार्य है. अंगुलियों पर मेहंदी, स्याही, रंग, नेल पॉलिश नहीं लगाना चाहिए. परीक्षा समाप्त न होने तक कक्षा छोड़ना मना है.

pnews
Author: pnews

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बिहार में क्यों बढ़ रहे हैं एड्स के मरीज? बिहार में इन दिनों एड्स के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राज्य के तीन जिले के लोग इस जानलेवा बीमारी से ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. वहीं बिहार में एड्स के मामलों में आई तेजी को देखकर स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है. राज्य के संक्रमित जिलों की अगर बात करें तो पश्चिम चंपारण के बेतिया अभी 3583 मरीज HIV पॉजिटिव पाए गए हैं तो दूसरी तरफ गोपालगंज जिले में भी 3000 से ज्यादा पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. इन दो जिलों में लगातार बढ़ कहे संक्रमितों की संख्या को देखकर भारत सरकार और बिहार सरकार द्वारा संबंधित जिलों में युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा बिहार के अरवल जिला में भी एड्स तेजी से पांव पसार रहा है. आलम ये है कि जिले में हर महीने 3 से 4 नए मरीज सामने आ रहे है. बिहार में लगातार बढ़ रहे एड्स के बीच आज हम आपको इससे मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं. एड्स की बीमारी ह्यूमन इम्यूनोडेफ़िशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होती है. जिस इंसान को एचआईवी हो जाता है वो उसके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देता है, जिससे संक्रमित को कई तरह की बीमारियों और संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है. एचआईवी से संक्रमित इंसान के शरीर में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे शरीर किसी भी संक्रमण से लड़ने की शक्ति खो देती है. एचआईवी वायरस हमेशा इंसान के शरीर में रहता है. इसके साथ ही एचआईवी संक्रमित मरीज में निमोनिया, कैंसर जैसी कई तरह की बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है.एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति बिना किसी लक्षण के भी बीमारी पड़ सकता है. ऐसे में एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को जल्दी जांच करवाकर इलाज शुरू कर देना चाहिए. एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी दी जाती है. इसके साथ ही एचआईवी के संक्रमण से बचने ते लिए व्यक्ति को कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए.