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सास ने तिलक लगाया, साले ने सिंबल थमाया; पासवान परिवार में दामाद अरुण भारती की बारी आई

सास ने तिलक लगाया, साले ने सिंबल थमाया; पासवान परिवार में दामाद अरुण भारती की बारी आई

 

समाजवादी नेता रामविलास पासवान के दामाद अरुण भारती जमुई लोकसभा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास के टिकट पर बतौर एनडीए कैंडिडेट चुनाव लड़ेंगे। लोजपा-आर के अध्यक्ष और पासवान के बेटे चिराग पासवान ने बुधवार को अरुण भारती को जमुई से एलजेपी का उम्मीदवार बनाकर सिंबल थमा दिया।
अरुण भारती ने सोशल मीडिया पर सिंबल लेने की कुछ तस्वीरें डाली हैं जिसमें एक तस्वीर में उनकी सास रीना पासवान उनको तिलक लगाते नजर आ रही हैं। अरुण भारती का यह पहला चुनाव होगा। अरुण भारती 2019 के चुनाव में भी लड़ना चाहते थे लेकिन लोजपा को मिली तीन रिजर्व सीटें रामविलास के भाई पशुपति कुमार पारस और रामचंद्र पासवान के साथ चिराग पासवान को मिल गई थी। रामचंद्र पासवान के निधन के बाद समस्तीपुर से उनके बेटे प्रिंस राज सांसद बने थे।

जमुई लोकसभा सीट से चिराग पासवान पहली बार 2014 में सांसद बने थे और दोबारा 2019 में इसी सीट से जीते। इस बार चिराग हाजीपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे जहां से उनके पिता रामविलास पासवान 1977 में रिकॉर्ड मतों से जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे। इस समय हाजीपुर से चिराग के चाचा पशुपति पारस सांसद हैं जिन्होंने रामविलास के निधन के बाद लोजपा के 6 में 5 सांसदों को तोड़कर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) बना ली थी। तब से कुछ दिन पहले तक केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे पारस को अब बीजेपी ने डंप कर दिया है।

पारस समेत लोजपा तोड़ने में शामिल रहे पांच सांसदों में अभी तक किसी को किसी पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। पारस के साथ गए महबूब अली कैसर और वीणा सिंह चिराग की शरण में लौट आए हैं लेकिन चिराग ने कह दिया है कि पार्टी तोड़ने वालों को नहीं बल्कि संषर्ष में साथ देने वालों को मौका मिलेगा। पारस के साथ ही चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज और सूरजभान सिंह के बाई चंदन सिंह लटक गए हैं। चंदन सिंह की नवादा सीट छोड़कर चिराग को बीजेपी ने पुरानी 5 सीटें फिर से दी हैं। नवादा में बीजेपी ने पुराने भाजपा नेता रहे सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर को टिकट दिया है।

चिराग पासवान ने अब तक हाजीपुर से खुद के लड़ने और जमुई से बहनोई अरुण भारती के नाम का ऐलान किया है। समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली से लोजपा कैंडिडेट का नाम आना बाकी है। परिवार में संसदीय राजनीति करने वाले पशुपति पारस और प्रिंस राज का पत्ता चिराग ने कटवा दिया है। चिराग पासवान के पास अब समस्तीपुर इकलौती रिजर्व सीट हैं जहां से वो परिवार या पार्टी से किसी को मौका दे सकते हैं। खगड़िया और वैशाली सामान्य सीट हैं जहां चिराग पार्टी के बुरे दिनों में साथ रहे लोगों को मौका देते हैं या मौके की ताक में बैठे साधन संपन्न नेताओं को, ये देखना दिलचस्प रहेगा।

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Author: pnews

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