बिहार के मजूदर को भी नहीं बख्शा था मुख्तार अंसारी ने
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी का 28 मार्च 2024 गुरुवार की शाम कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. बांदा जिला जेल में बंद गैंगस्टर-राजनेता को आज शाम तबीयत बिगड़ने के बाद रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था. जहां उसकी मौत हो गई. मुख्तार अंसारी का एक आपराधिक इतिहास रहा है. उसकी इतनी हनक थी कि वह किसी को आपने आगे नहीं आने देना चाहता है. अगर कोई उसके खिलाफ गवाह भी बन जाएग तो उसे मरवा देता था. मुख्तार अंसारी के हाथ बिहार के गया के मजदूर के खून से भी रंगे थे. आइए इस ऑर्टिकल में जानते हैं कैसे और कब?
गया के रामइकबाल को गोलियों से छलनी किया गया था. इस हत्या के पीछे मुख्तार अंसारी का हाथ बताया जा रहा था. चर्चा थी कि मुख्तार अंसारी ने मजदूर रामइकबाल हत्या के लिए एक गहरी और सोची समझी साजिश रची थी. दरअसल, उतर प्रदेश के आजमगढ़ जिला के ऐराकला गांव में ईंट भट्ठा पर बिहार के मजदूर को गोलियों से छलनी कर दिया गया था.
आजमगढ़ में 6 फरवरी, 2014 को तरवां थाना क्षेत्र के ऐराकला गांव में ईंट भट्ठा में गोलीबारी हुई थी. इस गोलीबारी में बिहार के गया निवासी मजदूर रामइकबाल की मौत हो गई थी. माना जाता है कि मुख्तार अंसारी ने इसकी हत्या की साजिश रची थी.
बता दें कि जेल अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार की शाम को रमज़ान का रोज़ा तोड़ने के बाद 60 वर्षीय अंसारी की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद इलाज के लिए पहले डॉक्टरों को जेल में बुलाया गया था, लेकिन जब डॉक्टरों को शक हुआ कि मुख्तार अंसारी को कार्डियक अरेस्ट हुआ है तो उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया.
मुख्तार अंसारी को बेहोशी की हालत में रात 8 बजकर 25 मिनट पर अस्पताल लाया गया. 9 डॉक्टरों का एक पैनल मुख्तार अंसारी का इलाज कर रहा था, लेकिन कार्डियक अरेस्ट से उसकी मौत हो गई