डबल मर्डर में JMM के पूर्व विधायक पौलुस सुरीन और नक्सली जेठा कच्छप को आजीवन कारावास की सजा
झारखंड के खूंटी जिले के कर्रा में दो लोगों की हत्या की मामले में अपर न्यायायुक्त की कोर्ट ने जेएमएम के पूर्व विधायक पौलुस सुरीन और नक्सली जेठा कच्छप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने उन्हें बीते 6 अप्रैल को दोषी करार दिया था.
साल 2013 की है वारदात
इस मामले में ट्रायल फेस कर रहे चार अन्य लोगों को साक्ष्य के अभाव में पहले ही बरी कर दिया गया था. वारदात वर्ष 2013 की है. भूषण सिंह और रामगोविंद की हत्या नक्सली संगठन के लोगों ने पुलिस की मुखबिरी करने के आरोप में कर दी थी. इन दोनों को उनके घर के पास चबूतरे पर खड़ा कर गोली मारी गई थी.
पौलुस सुरीन सहित 6 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई थी FIR
इस केस में पौलुस सुरीन, नक्सली जेठा कच्छप, कृष्णा महतो सहित छह लोगों के खिलाफ कर्रा थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज की गई थी. कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह पेश किए गए. अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद शनिवार को इस मामले में फैसला सुनाया.
पौलुस सुरीन तोरपा विधानसभा सीट से दो बार रह चुके है विधायक
मामले के अभियुक्त पूर्व झामुमो विधायक पौलुस सुरीन अदालत में सशरीर उपस्थित रहे, जबकि गोड्डा जेल में बंद नक्सली जेठा कच्छप वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित था. सनद रहे कि पौलुस सुरीन झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर तोरपा विधानसभा सीट से वर्ष 2009 और 2014 में विधायक चुने गए थे. 2019 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था. वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
बता दें कि इस घटना का अंजाम 27 मई 2013 को दिया गया था. घटना को लेकर मृतक के भाई ने खूंटी के कर्रा थाने में कांड संख्या 27/2013 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पौलुस सुरीन तोरपा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार जेएमएम की टिकट पर 2009 में विधायक बना था. इसके बाद दूसरी बार दिसंबर 2014 में जेएमएम से विधायक चुना गया था. मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाहों को प्रस्तुत किया गया था. जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह को प्रस्तुत किया था.
वहीं, मामले में ट्रायल फेस कर रहा तीन महिला समेत चार को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है. दरअसल वर्ष 2013 में ठेकेदार भूषण सिंह पर एक महिला के साथ रेप करने का आरोप लगा था. लेकिन पुलिसिया जांच में रेप केस फर्जी निकला और पुलिस ने जांच बंद कर दी थी. इसके बाद भूषण सिंह की गिरफ्तारी के लिए विधायक ने कर्रा में धरना दिया था. इसी बीच नक्सलियों ने 27 मई 2013 को ग्राम त्रिला में पुस्तकालय के पास ताश खेल रहे ठेकेदार भूषण सिंह और रामगोविंद सिंह की एके 47 राइफल से गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद भूषण की बहन ने पौलुस पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था.