15 साल पहले हुई हत्या मामले फरार आरोपी गिरफ्तार
ऑपरेशन आक्रमण के तहत कार्रवाई करते हुए सीआईए टू बहादुरगढ़ की टीम द्वारा करीब 15 साल पहले हुई एक हत्या के मामले में वांछित और उद्घोषित आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की, जिस संबंध में पत्रकारों से रूबरू होते हुए सहायक पुलिस आयुक्त श्री शुभम सिंह ने जानकारी दी
पुलिस उपायुक्त बहादुरगढ़ मयंक मिश्रा के दिशा निर्देशानुसार कार्रवाई करते हुए सीआईए टू बहादुरगढ़ की टीम ने नवंबर 2009 में हुई एक व्यक्ति की हत्या के मामले में कार्रवाई करते हुए एक उद्घोषित आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की.
उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि पुलिस को गांव जसौर खेड़ी के सरपंच के द्वारा सूचना मिली थी कि जसौर खेड़ी में रोहद गांव की तरफ जाने वाले रास्ते में आने वाली मेवात कैनाल नहर में एक डेड बॉडी पड़ी हुई है, जिसकी पहचान 29 नवंबर 2009 को दिलीप तिवारी पुत्र रामसूरत निवासी हरोता जिला सुल्तानपुर ने अपने भाई संदीप के रूप में की थी.
उन्होंने बताया कि उसने इस हत्या का आरोप अपने जीजा लक्ष्मण प्रसाद और उसके भाई प्रवेश पर लगाया था, जिसकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ थाना सदर बहादुरगढ़ में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था. दर्ज मामले पर कार्रवाई करते हुए एक आरोपी लक्ष्मण निवासी उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया गया था. मगर दूसरा आरोपी फरार चल रहा था.
पुलिस ने आगे बताया कि माननीय अदालत द्वारा 16 जुलाई, 2010 को उद्घोषित आरोपी घोषित किया गया था, जिस पर पुलिस उपायुक्त बहादुरगढ़ मयंक मिश्रा को आरोपी को गिरफ्तार करने के संबंध में कड़े दिशा निर्देश दिए गए थे. इसके बाद से पुलिस टीम के भरसक प्रयास करते हुए करीब 15 साल पुराने हत्या के मामले में दूसरे आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की.
पुलिस ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि पकड़े गए आरोपी की पहचान प्रवेश निवासी सिमरी बालीपुर जिला फैजाबाद उत्तर प्रदेश के तौर पर की गई. जांच में सामने आया की दिल्ली में उसके भाई मृतक संदीप और आरोपी प्रवेश की आपसी लड़ाई झगड़ा हो गया था. इसी रंजिश को मन में रखते हुए आरोपियों द्वारा हत्या को अंजाम दिया गया.