Follow Us

सुशील मोदी को कौन सा कैंसर हुआ था, जिसने चंद महीने में छीन ली उनकी जिंदगी

सुशील मोदी को कौन सा कैंसर हुआ था, जिसने चंद महीने में छीन ली उनकी जिंदगी

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी का सोमवार देर रात निधन हो गया. 72 वर्ष के सुशील मोदी कैंसर से जूझ रहे थे. दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था. सोमवार शाम उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. इस बात की जानकारी खुद बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से लोगों को दी. सुशील मोदी पिछले छह महीने से कैंसर से पीड़ित थे. उनका इलाज दिल्ली एम्स से चल रहा था.

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी गले के कैंसर से पीड़ित थे, जिसे एसोफैगल कैंसर कहा जाता है. धीरे-धीरे ये कैंसर उनके गले से लंग्स तक पहुंच गई थी, जिस वजह से उनकी तबीयत दिन- प्रतिदिन और खराब होती चली गई. उन्हें बोलने में भी काफी तकलीफ होने लगी, इसी वजह से उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी अपनी कोई भूमिका निभाने से साफ तौर पर मना कर दिया था.
आम तौर पर अगर किसी शक्स को लंबे समय से खांसी की समस्या है और उसे राहत नहीं मिल पा रही है तो उसे इस दिक्कत को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि ऐसी दिक्कत आपके लिए आगे चलकर जानलेवा साबित हो सकती है. जल्द से जल्द आपको अपनी इस समस्या को डॉक्टर को दिखाना चाहिए. साथ ही अगर आपको खाना निगलने में भी तकलीफ हो रही है तो ये गले के कैंसर के लक्षण हो सकते है. इस कैंसर को एसोफैगल कैंसर भी कहा जाता है.

ये लक्षण भी है आम

पीड़ित व्यक्ति को अक्सर गले में दर्द , लगातार खांसी, खाना निगलते समय दिक्कत, गले में सूजन की समस्या रहती है. साथ ही गले में कैंसर से पीड़ित शख्स के आवाज में भी बदलाव होने लगता है, बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति के आवाज़ में भारीपन आ जाता है. उसे खाना निगलते समय काफी दर्द होता है. कान में दर्द की समस्या के साथ खराश अक्सर रहती है. खांसते समय बलगम के साथ खून का आना और तेजी से वजन भी घटने लगता है.

गले में कैंसर का कारण

अगर किसी व्यक्ति को नशे की लत है तो वह शख्स इस कैंसर के चपेट में आ सकता है. गले में कैंसर का मूल कारण धूम्रपान, स्मोकिंग, तंबाकू का सेवन और शराब पीना हो सकता है. ज्यादातर देखा गया गया है कि गले में कैंसर उसी व्यक्ति को होता है जो किसी न किसी नशे के आदी होते है. हालांकि शरीर में विटामिन ए की कमी होने के कारण भी ये बीमारी हो सकती है.

कैसे करें इससे बचाव?

कैंसर एक बेहद ही जानलेवा बिमारी है. अगर किसी व्यक्ति को शरीर के किसी भी अंग में ये बीमारी होती है तो उसे इसका इलाज जल्द से जल्द करवाना अनिवार्य हो जाता है. ये एक बेहद ही खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. जो की शरीर में बहुत ही तेजी के साथ फैलता है. गले का कैंसर बेहद ही खतरनाक बीमारी है ये पीड़ित के खाने के नली को ही बंद कर देता है, जिससे उसे कुछ भी खाने और पीने में काफी तकलीफ और दर्द का सामना करना पड़ता है. डॉक्टरों के मुताबिक अगर किसी को लंबे समय से खांसी, आवाज़ में बदलाव, भारीपन, गले में सूजन, कान और गले में दर्द जैसी समस्या हो तो उसे इन समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए नहीं तो ये काफी घातक साबित हो सकता है.

pnews
Author: pnews

Leave a Comment

Read More

बिहार में क्यों बढ़ रहे हैं एड्स के मरीज? बिहार में इन दिनों एड्स के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राज्य के तीन जिले के लोग इस जानलेवा बीमारी से ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. वहीं बिहार में एड्स के मामलों में आई तेजी को देखकर स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है. राज्य के संक्रमित जिलों की अगर बात करें तो पश्चिम चंपारण के बेतिया अभी 3583 मरीज HIV पॉजिटिव पाए गए हैं तो दूसरी तरफ गोपालगंज जिले में भी 3000 से ज्यादा पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. इन दो जिलों में लगातार बढ़ कहे संक्रमितों की संख्या को देखकर भारत सरकार और बिहार सरकार द्वारा संबंधित जिलों में युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा बिहार के अरवल जिला में भी एड्स तेजी से पांव पसार रहा है. आलम ये है कि जिले में हर महीने 3 से 4 नए मरीज सामने आ रहे है. बिहार में लगातार बढ़ रहे एड्स के बीच आज हम आपको इससे मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं. एड्स की बीमारी ह्यूमन इम्यूनोडेफ़िशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होती है. जिस इंसान को एचआईवी हो जाता है वो उसके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देता है, जिससे संक्रमित को कई तरह की बीमारियों और संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है. एचआईवी से संक्रमित इंसान के शरीर में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे शरीर किसी भी संक्रमण से लड़ने की शक्ति खो देती है. एचआईवी वायरस हमेशा इंसान के शरीर में रहता है. इसके साथ ही एचआईवी संक्रमित मरीज में निमोनिया, कैंसर जैसी कई तरह की बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है.एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति बिना किसी लक्षण के भी बीमारी पड़ सकता है. ऐसे में एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को जल्दी जांच करवाकर इलाज शुरू कर देना चाहिए. एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी दी जाती है. इसके साथ ही एचआईवी के संक्रमण से बचने ते लिए व्यक्ति को कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए.