हाई ब्लड प्रेशर को न करें नजरअंदाज, ये बन सकता है कई बीमारियों का कारण
हाई ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है. इससे दिल, दिमाग और किडनी सहित कई महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंच सकता है. यह ‘साइलेंट किलर’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसके अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, जिससे लोग इसे अनदेखा कर देते हैं. लेकिन यह लापरवाही जानलेवा हो सकती है.
नोएडा स्थित न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स लैब प्रमुख डॉ. विज्ञान मिश्रा का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर से दिल, धमनियां और अन्य अंगों पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, यह समझना बहुत जरूरी है कि हाई ब्लड प्रेशर कैसे शरीर को प्रभावित करता है और इससे बचने के लिए नियमित हेल्थ चेकअप क्यों जरूरी है.
हाई ब्लड प्रेशर सबसे ज्यादा ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है. ज्यादा समय तक हाई ब्लड प्रेशर रहने से नसों की दीवारें कमजोर हो जाती हैं और उनमें सिकुड़न या सख्ती आ जाती है. इस स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) कहते हैं. नसों में प्लाक जमने से दिल, दिमाग और किडनी जैसे अंगों तक खून का फ्लो कम हो जाता है, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी रोग का खतरा बढ़ जाता है. नियमित हेल्थ चेकअप से डॉक्टर रक्तचाप के स्तर की निगरानी कर सकते हैं और इन जटिलताओं को रोकने या कम करने के लिए जल्दी कदम उठा सकते हैं.
इसके अलावा, हाई ब्लड प्रेशर दिल पर भी काफी दबाव डालता है. नसों के सिकुड़ने के कारण दिल को रक्त पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इससे हृदय पेशी का आकार बढ़ जाता है, जिसे कार्डियक हाइपरट्रॉफी (cardiac hypertrophy) कहते हैं. इससे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है, जहां दिल शरीर की जरूरत के हिसाब से पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता है. नियमित जांच से डॉक्टर दिल की कार्यक्षमता का आकलन कर सकते हैं और लाइफस्टाइल में बदलाव या दवाओं जैसी रणनीति बनाकर दिल पर पड़ने वाले दबाव को कम कर सकते हैं.
हाई ब्लड प्रेशर किडनी को भी प्रभावित करता है. किडनी शरीर से एक्स्ट्रा तरल पदार्थों को छानकर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. लेकिन, हाई ब्लड प्रेशर किडनी की ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनकी काम करने की क्षमता कम हो जाती है. इससे गंभीर किडनी बीमारी हो सकता है, जहां किडनी धीरे-धीरे खून को छानने की क्षमता खो देती है और किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है. नियमित हेल्थ चेकअप से किडनी की समस्याओं का जल्दी पता लगाया जा सकता है, जिससे बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है और किडनी की कार्यक्षमता को बचाया जा सकता है.
अंत में, हाई ब्लड प्रेशर से पैरों, हाथों, पेट या सिर की नसों में रुकावट पैदा हो सकती है, जिसे पेरिफेरल आर्टरी डिजीज कहते हैं. रक्त प्रवाह कम होने से चलते समय पैरों में दर्द, घाव भरने में परेशानी और यहां तक कि टिशू डैमेज भी हो सकती है. नियमित हेल्थ चेकअप से PAD का जल्दी पता लगाया जा सकता है और लाइफस्टाइल में बदलाव, दवाओं या खून के फ्लों को बेहतर बनाने वाली प्रक्रियाओं द्वारा जटिलताओं को रोका जा सकता है.