यूपी बोर्ड परीक्षा साल में 2 बार होगी
मोदी सरकार में सत्ता संभालते ही शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है. अब देश भर में तमाम बोर्डों की 10वीं और 12वीं की परीक्षा साल में दो बार आयोजित हुआ करेंगी. इससे सीबीएसई बोर्ड, यूपी बोर्ड जैसे बड़े एजुकेशन संस्थाएं साल में दो बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं आयोजित कर सकेंगी. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ये संकेत दिया है कि जेईई एग्जाम की तरह अब विभिन्न एजुकेशन बोर्ड की परीक्षाएं साल में दो बार कराई जा सकेंगी.
नए पैटर्न के तहत 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम को फरवरी और अप्रैल माह में दो बार कराने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. छात्र दोनों बार बोर्ड एग्जाम में भी बैठ सकेंगे. जिस परीक्षा में उसके मार्क्स अच्छे आएंगे, उसे ही मार्कशीट में शामिल कर अंतिम परिणाम के तौर पर शामिल किया जाएगा. इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) एक शैक्षणिक वर्ष में दो बार एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने का फैसला ले चुका है.
शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि साल में दो बार ऐसे परीक्षाओं से छात्र छात्राओं के बीच दबाव कम होगा. अगर पहली परीक्षा में उनका प्रदर्शन खराब रहता है तो उन्हें दोबारा अपना रिजल्ट सुधारने का मौका मिलेगा. उन्हें किसी तरह के अतिरिक्त संसाधन की जरूरत नहीं होगी.
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा 2025-2026 शैक्षणिक सत्र 2 बार आयोजित हो सकती है. छात्र दोनों परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. साल में दो बार एग्जाम फरवरी और अप्रैल में कराने के अलावा एक और विकल्प पर विचार हो रहा है. दूसरा विकल्प छह-छह माह में परीक्षाएं आयोजित कराने का भी है. इससे सेमेस्टर वार परीक्षाएं करने का भी विचार है. लेकिन जेईई की तर्ज पर एग्जाम को ज्यादा बेहतर माना गया है.
इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में साल में 2 बार प्रवेश का विकल्प खोला है. दोनों सत्रों में प्रवेश CUET एग्जाम के आधार पर कराया जाएगा. दूसरे शैक्षणिक सत्र में प्रवेश के लिए अलग से कोई परीक्षा नहीं देनी होगी.
अभी यूपी बोर्ड परीक्षा साल में एक बार फरवरी मार्च के बीच आयोजित की जाती है. इसमें 50 से 55 लाख अभ्यर्थी शामिल होते हैं. यह देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है.