कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना ग्रस्त हो गया है
आज वो लाचार, बेबस पड़ी है…पटरी पर सरपट दौड़ने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस आज चुपचाप पड़ी हुई है. सफर के बीच में ही वो हादसे की शिकार हो गई. 8 साल पहले उसने सफर पर पहली बार निकली थी उसने लाखों लोगों की जिदंगी बदल दी. पूर्वोत्तर के राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस ने लोगों की जिंदगियां बनाई भी, लेकिन आज ये ट्रेन 15 लोगों की मौत की वजह बन गई.
17 जून 2024 की सुबह भयानक रेल हादसे की खबर के साथ हुई. पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हुए भीषण रेल हादसे में 15 लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है. पटरी पर खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से आ रही मालगाड़ी ने इतनी जोर की टक्कर मारी की मालगाड़ी का पूरा डिब्बा हवा में लटक गया. इस हादसे ने एक बार फिर से रेलवे की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठा दिए हैं, लेकिन हम बात उस ट्रेन की करेंगे जो नार्थ ईस्ट के राज्यों के लिए लाइफलाइन का काम करती है. कहानी उस कंचनजंगा ट्रेन की, जो आज हादसे की शिकार हो गई.
देस के अन्य हिस्सों से जोड़ने का काम करती है. ये पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और असम से होते हुए त्रिपुरा तक जाती है, जिसकी वजह से इसकी कनेक्टिविटी बेहतरीन है. सियालदह, दक्षिणेश्वर, बर्धमान जंक्शन, बोलपुर शांतिनिकेतन, सैंथिया जंक्शन, रामपुरहाट जंक्शन, मालदा टाउन, न्यू जलपाईगुड़ी (सिलीगुड़ी), न्यू कूचबिहार, न्यू अलीपुरद्वार, कामाख्यागुड़ी रेलवे स्टेशन, गोसाईगांव हाट, फकीराग्राम जंक्शन, कोकराझार, न्यू बोंगाईगांव जंक्शन, बारपेटा रोड, रंगिया जंक्शन, कामाख्या जंक्शन, गुवाहाटी, लुमडिंग, न्यू हाफलोंग, बदरपुर जंक्शन, सिलचर, धर्ननगर, अम्बास्सा और अगरतला शामिल हैं.