13 दिन में 6 पुल ढहने के बाद बिहार सरकार ने जांच के लिए हाईलेवल कमेटी गठित किया
बिहार सरकार ने हाल ही में प्रदेश के कई हिस्सों से सामने आई पुल ढहने की घटनाओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. बिहार में पिछले 13 दिनों के भीतर पुल ढहने की छह घटनाएं सामने आईं. ताजा घटना रविवार को किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड के खौसी डांगी गांव की जहां वर्ष 2009-10 में क्षेत्र के तत्कालीन लोकसभा सदस्य की सांसद निधि से बूंद नदी पर बनाया गया छोटा पुल ढह गया. बिहार में हाल के दिनों में ढहे अधिकांश पुल (निर्माणाधीन समेत) का निर्माण राज्य सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग (RWD) द्वारा किया गया था या कराया जा रहा है.
बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को कहा कि बिहार के विभिन्न हिस्सों में पुल ढहने की घटनाओं की जांच के लिए मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. समिति पुल ढहने के कारणों का पता लगाएगी और आवश्यक कदम उठाने के उपाय भी सुझाएगी. समिति, विशेष रूप से आरडब्ल्यूडी द्वारा बनाए जा रहे या बनाए जा चुके पुलों से संबंधित घटनाओं की जांच करेगी और दो से तीन दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. चौधरी ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि कुछ पुल चालू नहीं थे और उनमें से कुछ को मरम्मत की जरूरत थी.
उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, 18 जून को बिहार के अररिया जिले के परारिया गांव में बकरा नदी पर नवनिर्मित 182 मीटर लंबे पुल का एक हिस्सा ढह गया. पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत आरडब्ल्यूडी द्वारा किया गया था लेकिन कुछ निर्माण बाकी रहने के चलते इसे जनता के लिए नहीं खोला गया था
मंत्री ने कहा कि लेकिन पुल का गिरना एक गंभीर मामला है और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मंत्री ने कहा कि समिति को पुलों की नींव और संरचना के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता सहित प्रत्येक विवरण की जांच करने का निर्देश दिया गया है. हालांकि, मंत्री ने केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी की ओर पुल ढहने के संबंध में दिए गए बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने 29 जून को कहा था कि राज्य में अचानक पुल ढहने की घटनाएं क्यों शुरू हो गई हैं? लोकसभा चुनाव के बाद ऐसा क्यों हो रहा है? मुझे इसके पीछे किसी साजिश का संदेह है. अधिकारियों को इस पहलू पर भी गौर करना चाहिए. बिहार में पिछले हफ्ते मधुबनी, अररिया, सिवान और पूर्वी चंपारण जिलों से पुल ढहने की घटना सामने आई थी. किशनगंज जिले में पिछले छह दिनों में दो पुल ढह गये.