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जागरुकता: अशुद्ध पेय जल से होने वाले रोगों की रोकथाम

जागरुकता: अशुद्ध पेय जल से होने वाले रोगों की रोकथाम

जागरुकता: अशुद्ध पेय जल से होने वाले रोगों की रोकथाम नवसृजित प्राथमिक विद्यालय चकचनरपत के सहायक सह फोकल शिक्षक मो फैयाज अहमद ने मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत सुरक्षित शनिवार में बच्चों को अशुद्ध पेय जल से होने वाले रोगों की रोकथाम हेतु जागरूक किया।अशुद्ध जल में अनेकों प्रकार के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं। इसके अलावा गंदे पानी में बहुत सारे जीवाणु, कृमि व अंडे तथा प्रोटोजोंस पाए जाते हैं। जो मनुष्यों में भांति-भांति के बीमारियों की उत्पति के कारण बनते हैं। अशुद्ध अथवा दूषित जल के सेवन से रोगों की उत्पति एवं संवाहन के कारण होते हैं। दूषित जल के उपयोग से आमतौर पर आहारनाल संबंधी रोग होते हैं, जिससे रोग की गंभीर अवस्था में शरीर के कुछ भाग या पूर्ण शरीर रोग ग्रस्त हो जाता है। पेचिश, अतिसार, हैजा, टाॅयफाइड, पीलीया, अपच, उल्टी, पेट दर्द, पेट खराब, दस्त, पेट में कृमि आदि बीमारी से व्यक्ति ग्रसित हो जाता है। इनमें कुछ बीमारियां जानलेवा भी होती हैं। इसलिए समय रहते शुद्ध पेयजल का सेवन किया जाए। जल शुध्द करने के उपायों पर चर्चा करते हुए श्री अहमद ने कई तरह की विधियों का जिक्र किया। जिसमें उबालना, छानना, अवसादन, निस्तारण, निस्यंदन, निस्पंदन, आसवन ,पराबैंगनी किरणें, पोटैशियम परमैंगनेट,आयोडीन, ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरीन, हैलोजन आदि से अशुद्ध जल को शुद्ध पेयजल बनाया जा सकता है और ढेर सारी बीमारियों से सुरक्षित रहा जा सकता है। साथ ही प्रयोग द्वारा निस्पंदन विधि बताया गया। कार्यक्रम की सफलता में सुरेश कुमार प्रभारी, ममता कुमारी, मनोहर कुमार, विकास पासवान, कृष्ण कुमार पंडित, शिवानी कुमारी, कु वंदना और बाल प्रेरक अंकित कुमार, मोहित कुमार, भीम कुमार, देवबाबु माही, गुलशन कुमार आदि का भरपूर सहयोग रहा।

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Author: pnews

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