गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में पटना हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, चार दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदली
पटनाः राजधानी पटना के गांधी मैदान में पीएम मोदी की रैली में बम ब्लास्ट (Patna Bomb Blast) करने वाले चार आरोपियों को अब फांसी नहीं होगी दरअसल, 27/10/13 को बीजेपी के द्वारा हुंकार रैली के दौरान पटना के स्टेशन से गांधी मैदान के रामगुलाम चौक पर सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था. इस बम ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत जबकि 89 लोग घायल हुए थे. इस मामले में उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला आया है. पटना हाईकोर्ट ने बचाव पक्ष की अपील पर सुनवाई करते हुए 4 दोषियों को आजीवन कारावास 30 वर्ष की सजा सुनाई है. जबकि 2 दोषियों के लिए निचली अदालत के फैसले को सुरक्षित रखा है. यह फैसला जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने दिया है.
नुमान अंसारी, मोहम्मद मजीबुल्ला, हैदर अली, इम्तियाज आलम को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी. जिसे अब हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया है. वहीं, उमैर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी के लिए निचली अदालत का जो आजीवन कारावास का फैसला है, उसे यथावत रखा है. बचाव पक्ष के वकील इमरान घानी ने बताया कि इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेंगे. सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. इस मामले में कुल 11 लोगों पर ट्रायल चला था. एक तौसीफ जुबनाइल घोषित हो गए थे. तील साल की सजा हुई. झारखंड रांची के रहने वाला था. सजा काटकर निकल गए. एक फकरुद्दीन साक्ष्य के अभाव में बरी किए गए थे. इफ्तकार आलम, फिरोज असलम, अहमद हुसैन केस पनिशमेंट हुआ था.
केस के मुख्य गवाह धर्मनाथ यादव ने कहा कि यह फैसला गलत हुआ है. एनआईए के चलते मेरी एक गवाही नहीं हुई. इसके लिए एनआईए दोषी है. मैंने पाकिस्तान से मिले 50 लाख तक के ऑफर को ठुकरा दिया. इम्तियाज अंसारी को प्लेटफार्म नंबर 10 के शौचालय से पकड़ा था. स्पेशल पीपी एनआईए मनोज कुमार सिंह ने इस फैसले की सराहना की है.
उन्होंने कहा है बहुत अच्छा फैसला है. कोर्ट के द्वारा आरोपियों की उम्र को देखते हुए फांसी की सजा उम्रकैद में बदला गया है. सभी आरोपियों की उम्र कम है. हम लोगों के द्वारा घटना की गंभीरता को लेकर दलील दी गई थी. लेकिन माननीय न्यायालय ने कहा कि उम्र कम है, इन लोगों को भी जीने का अधिकार है. इसलिए फांसी की सजा नहीं दी गई. एनआईए के द्वारा जो भी साक्ष्य कलेक्ट किए गए थे, सभी को माननीय न्यायालय के समक्ष हम लोगों ने प्रस्तुत किया.