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बिहार स्टेट एड्स नियंत्रण समिति की रिपोर्ट : बिहार तीसरे स्थान पर

बिहार स्टेट एड्स नियंत्रण समिति की रिपोर्ट बिहार तीसरे स्थान पर

 

ट्रांसजेंडर भी संक्रमण के शिकार: 2023 24 के दौरान बिहार में 8675 ट्रांसजेंडर की जांच हुई, जिसमें की 70 ट्रांसजेंडर एड्स संक्रमित पाए गए. 2024-25 अक्टूबर महीने तक कुल 6827 ट्रांसजेंडर की जांच हुई, जिसमें अब तक 38 ट्रांसजेंडर संक्रमित पाए गए हैं. सरकार की ओर से ट्रांसजेंडर को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं.

देश में महाराष्ट्र टॉप परः एड्स संक्रमण के मामले में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश टॉप 2 में है. तीसरे नंबर पर बिहार शामिल है. हालांकि 2010 के बाद बिहार के अंदर एचआईवी इनफेक्शन रेट में 27% की कमी दर्ज की गई थी. बिहार का इन्फेक्शन रेट 0.17% है. जबकि राष्ट्रीय औसत 0.22 प्रतिशत है. सरकार को उम्मीद है कि 2030 तक संक्रमण पर काबू पा लिया जाएगा.

युवाओं में बढ़ता संक्रमण चिंता: सोशल मीडिया के दर में युवा रास्ते से भटक जा रहे हैं. गलत संगत में पड़कर या तो नशे का शिकार हो रहे हैं या फिर असुरक्षित सेक्स कर रहे हैं. इस दौरान वह एड्स संक्रमण का शिकार हो जाते हैं. बिहार स्टेट एड्स नियंत्रण समिति के संयुक्त निदेशक मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि एड्स संक्रमण को रोकने के लिए हम लोगकई कार्यक्रम चला रहे हैं.

संक्रमित के साथ अच्छे व्यवहार रखेंः मनोज सिन्हा के मुताबिक पिछले दिनों स्टेट लेवल ओरिएंटेशन कार्यक्रम चलाया गया. हर जिले से एक डीएसपी और इंस्पेक्टर अस्तर के अधिकारियों को बुलाया गया था. अधिकारियों को एड्स प्रिवेंशन कंट्रोल एक्ट 2017 को लेकर जागरूक किया गया. अधिकारियों को यह भी बताया गया कि एड्स संक्रमित के बीच भेदभाव ना हो, उन्हें सुरक्षा योजना की लाभ मिले. संक्रमित व्यक्ति को प्रॉपर्टी से बेदखल करने की कोशिश नहीं की जाए.

“हर जिले में नियंत्रण और जागरूकता के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं. जल्द ही सरकार एड्स संक्रमण पर काबू पा लेगी.” -मनोज कुमार सिन्हा, संयुक्त निदेशक, बिहार स्टेट एड्स नियंत्रण समिति

जागरूकता जरूरीः चिकित्सक डॉक्टर विनोद कुमार का मानना है कि एड्स नियंत्रण के लिए जागरुकता जरूरी है. इसके साथ-साथ यह भी समझना जरूरी है कि एड्स का फैलाव कैसे होता है. “असुरक्षित यौन संबंध के अलावा ब्लड लेनदेन और फिर इंजेक्शन लेने के समय सावधानी बरतनी चाहिए. सैलून में एक-दूसरे का ब्लेड इस्तेमाल करने से भी एड्स का खतरा रहता है. ऐसे में सुरक्षित बरतना जरूरी है.”

एड्स संक्रमण के लक्षणः एड्स यानी एचआईवी का लक्षण कई प्रकार के होते हैं, जिसमें बुखार, ठंड लगना, खराश, मांसपेशियों में दर्द, शरीर पर चकत्ते, रात को पसीना आना, थकान, ज्वाइंट पेन, ग्रंथियों में सूजन और वजन कम होना आदि कई कारण हैं. एचआईवी धीरे-धीरे प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है.

 

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Author: pnews

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