*आध्यात्मिक ज्ञान श्रवण व राजयोग का नियमित अभ्यास खोल देता हमारे भाग्य के द्वार*
उजियारपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, समस्तीपुर द्वारा रेल परिसर के निकट चिल्ड्रेन्स एकेडमी में राजयोग मेडिटेशन शिविर के छठे दिन सोनिका बहन ने आध्यात्मिक ज्ञान के प्रतिदिन श्रवण एवं राजयोग के नियमित अभ्यास पर बल देते हुए कहा कि जैसे शरीर को प्रतिदिन भोजन व जल की आवश्यकता होती है। वैसे ही आत्मा के लिए आध्यात्मिक ज्ञान एवं राजयोग का अभ्यास प्रतिदिन की आवश्यक खुराक है। इस खुराक के अभाव में ही आज मनुष्य आत्माएं कमजोर एवं रोग ग्रस्त हो गई हैं। छोटी-छोटी बातों में क्रोध, चिड़चिड़ापन, चिंता आदि मानसिक विकार आत्मिक कमजोरी के ही परिणाम हैं। बीमारी में अक्सर स्वाद खराब हो जाया करता है। इसी प्रकार आजकल आध्यात्मिक उन्नति की बातों में लोगों को स्वाद नहीं मिलता, जबकि व्यर्थ व एक-दूसरे की नकारात्मक बातों की लेनदेन में समय कैसे बीत जाता है, पता ही नहीं चलता। हमारा समय, संकल्प, ऊर्जा प्राय: परचिंतन-परदर्शन में ही चला जाता है। आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतिदिन श्रवण करना आत्मा के लिए औषधि का काम करता है। राजयोग आत्मा के लिए आशीर्वाद की तरह है। इसके द्वारा हमें परमात्मा की, सर्व आत्माओं की और स्वयं की स्वयं को आशीर्वाद मिलती है। यह हमारे भाग्य के द्वार खोल देता है। आज के समस्याओं भरे युग में विश्व की हर आत्मा को इस ज्ञान की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने उपस्थित सभी शिविरार्थियों से अपने इष्ट-मित्रों सहित प्रतिदिन आकर इस ज्ञान का लाभ लेने का आह्वान किया।
प्रतिदिन दोपहर 2 से 3:30 बजे तक आध्यात्मिक ज्ञान एवं राजयोग की क्लास चलती रहेगी।