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सिंघिया में गड़बड़ी करने वाले एक आवास सहायक पर विभागीय गाज गिर गया

सिंघिया में गड़बड़ी करने वाले एक आवास सहायक पर विभागीय गाज गिर गया

बिहार के समस्तीपुर जिले के सिंघिया प्रखंड के अंतर्गत जहांगीरपुर पंचायत के ग्रामीणों ने उप विकास आयुक्त, समस्तीपुर से शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि ग्रामीण आवास सहायक संजीव कुमार आवास योजना का लाभ देने के लिए 15 हजार रुपए की मांग कर रहे थे। पैसे नहीं देने पर नाम काटने की धमकी दी जा रही थी। जाँच में सामने आया कि सात लाभार्थियों के नाम स्वीकृति सूची में भेजे गए थे, लेकिन प्रखंड – विकास पदाधिकारी ने केवल दो नामों को स्वीकृति के लिए आगे – बढ़ाया। बाकी पाँच लाभार्थियों के नाम नहीं भेजे गए। शिकायत के साथ संलग्न तस्वीरों से स्पष्ट हुआ कि सभी लाभार्थी पात्र थे, लेकिन – जानबूझकर उन्हें योजना से वंचित – किया गया। इस मामले में 11 मार्च 2025 को संजीव कुमार से स्पष्टीकरण माँगा गया, लेकिन जवाब नहीं मिला। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि 22 लोगों की शिकायत की जाँच में पाया गया कि 20 लाभार्थियों के नाम पहले से पक्के मकान वाले थे, एक अस्थायी रूप से पलायन कर चुका था और एक को पहले ही लाभमिल चुका था। हालाँकि, ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक की जाँच में 10 लाभार्थियों की सूची गलत पाई गई। संजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने बिना जाँच किए लाभार्थियों को अपात्र घोषित कर दिया। इससे पंचायत में लंबित स्वीकृतियों की संख्या बढ़ी और जिले की रैंकिंग पर असर पड़ा। पहले चरण में भी पात्र लाभार्थियों को अस्थायी रूप से पलायित बताया गया था। इस मामले में संयुक्त जाँच टीम गठित की गई, लेकिन 7 अक्टूबर 2024 को माँगा गया स्पष्टीकरण अब तक नहीं मिला। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी अयोग्य लाभार्थियों को योजना का लाभ दिलाने की शिकायत मिली। 21 फरवरी 2025 को जाँच टीम गठित हुई। रिपोर्ट के आधार पर 4 मार्च 2025 को संजीव कुमार से जवाब माँगा गया, लेकिन कोई उत्तर नहीं आया। संजीव कुमार पर पहले से प्राप्त लाभार्थियों को दोबारा योजना का लाभ दिलाने का भी आरोप है। 19 दिसंबर 2024 को इस पर स्पष्टीकरण माँगा गया था, लेकिन जवाब नहीं दिया गया। ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशों के बावजूद उन्होंने पात्र लाभार्थियों का सही चयन नहीं किया। 2016-17 से 2021-22 और 2024-25 में आवास योजना की दूसरी और तीसरी किस्त जारी करने में सिंधिया प्रखंड की रैंकिंग सबसे नीचे रही। इस पर 30 अगस्त 2024 और 5 फरवरी 2025 को स्पष्टीकरण माँगा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। आवास सर्वे 2024 में भी संजीव कुमार ने विभागीय निर्देशों का पालन नहीं किया। जिलाधिकारी के आदेश पर जाँच हुई, जिसमें अपात्र परिवारों के नाम जोड़े जाने की पुष्टि हुई। इस पर 17 जनवरी 2024 और 15 फरवरी 2025 को जवाब माँगा गया, लेकिन कोई उत्तर नहीं आया। संजीव कुमार पर पात्र लाभार्थियों को योजना से वंचित करने, अयोग्य लोगों को लाभ दिलाने और गलत मंशा से विभागीय आदेशों की अनदेखी करने का आरोप साबित हुआ। प्रखंड विकास पदाधिकारी सिंधिया ने उन्हें सेवा मुक्त करने की अनुशंसा की। इसके बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया।इस प्रकार यदि और किसी पंचायत में आवास सहायक गड़बड़ी करते है तो उसके विरुद्ध वरीय अधिकारी से शिकायत कर न्याय प्राप्त कर सकते जिससे भ्रष्टाचारी पर अंकुश लग सकता है

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Author: pnews

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