Search
Close this search box.

निलंबित ओडिशा विधायकों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच की मांग को लेकर विधानसभा में रात बिताई

निलंबित ओडिशा विधायकों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच की मांग को लेकर विधानसभा में रात बिताई

ओडिशा में मंगलवार रात को खूब बवाल मचा. निलंबित ओडिशा विधायकों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच की मांग को लेकर विधानसभा में रात बिताई. विधानसभा के बाहर यूथ कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया. कांग्रेस के 12 विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया है. जिसके बाद ओडिशा राज्य में बवाल मचा हुआ है. अपने निलंबन के विरोध में कांग्रेस विधायक सदन के अंदर ही धरने पर बैठ गए. वे BJP सरकार के आठ महीनों के दौरान महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग कर रहे थे. स्पीकर सुरमा पाढ़ी ने इन विधायकों को अनुशासनहीनता के कारण सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया है.

‌किस कांग्रेस विधायक का नहीं हुआ निलंबन
ताराप्रसाद बहिनीपति और रमेश जेना निलंबन से बच गए क्योंकि वे घोषणा के दौरान अनुपस्थित थे. बहिनीपति को पहले 11 मार्च को सात दिन का निलंबन मिला था.

घंटा बजाकर, राम धुन गाकर जता रहे विरोध
कांग्रेस ने घंटा बजाकर, ‘राम धुन’ गाकर और अपना धरना जारी रखकर अपना विरोध तेज कर दिया. उन्होंने पहले सदन समिति की वकालत करते हुए सीटी, बांसुरी और झांझ बजाकर कार्यवाही को बाधित किया था. विधानसभा में 7 मार्च से लगातार व्यवधान आ रहा है. अध्यक्ष ने मंगलवार को सुबह और दोपहर के सत्रों के बीच बराबर-बराबर 14 बार कार्यवाही स्थगित की.

ओपीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास ने विरोध प्रदर्शन का बचाव करते हुए कहा: “इसमें गलत क्या है? यह मंदिरों में किया जाता है और विधानसभा भी लोकतंत्र का मंदिर है. यह सरकार को जगाने का एक साधन था, जो महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चुप रही.” दास ने ओडिशा भर में विरोध प्रदर्शन जारी रखने की कसम खाई. सीएलपी नेता कदम ने महिलाओं के मुद्दों को उजागर करने के अपने प्रयासों पर जोर दिया, जांच के लिए एक सर्वदलीय सदन समिति बनाने के प्रतिरोध पर सवाल उठाया.

ओडिशा कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा से अपने 12 विधायकों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

बीजेपी ने क्या कहा?
उधर भाजपा विधायक इरासिस आचार्य ने कहा, “विधायकों को निलंबित करने का फैसला स्पीकर का है…सत्र शुरू होने के बाद से कांग्रेस द्वारा प्रदर्शित व्यवहार अनुचित रहा है…वे राइटर की मेज पर चढ़ गए, सदन में सीटी बजाई, ‘बाजा बजाना’, अनुचित शब्दों का प्रयोग किया, स्पीकर के साथ दुर्व्यवहार किया और सदन में बाधा डाली. सदन करदाताओं के पैसे से चलता है…”

बीजद सदस्यों ने शिक्षा और रोजगार में आनुपातिक एसटी, एससी और ओबीसी आरक्षण की मांग की, जबकि कांग्रेस सदस्यों ने अपना संगीतमय विरोध जारी रखा. उपाध्यक्ष भवानी शंकर भोई के नेतृत्व में एक बैठक स्थिति को हल करने में विफल रही. बीजद के तीन वरिष्ठ सदस्यों ने अध्यक्ष से निलंबन पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया.

pnews
Author: pnews

Leave a Comment

03:35