पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को सुनाई सजा
राजसमंद में 15 वर्षीय नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर व धमकाकर ले जाने और उसके साथ बलात्कार करने के आरोपी राजेंद्र सिंह को पॉक्सो न्यायालय राजसमंद के न्यायाधीश सुनील कुमार पंचोली ने 20 वर्ष के कठोर कारावास और 21,000 रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया है.
इस सुनवाई को लेकर राजसमंद विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 14/09/ 2018 को पीड़िता के पिता ने केलवा थानाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर एक रिपोर्ट पेश की थी कि उसकी 15 वर्षीय पुत्री घर से अस्पताल में गई थी. वहीं, काफी देर तक वह घर पर नहीं आई, तब उसके मोबाइल पर फोन लगाया तो फोन भी बंद होना बताया.
काफी देर तक गांव के आसपास इलाकों, रिश्तेदारी और पड़ोसियों के यहां ढूंढा लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. इस रिपोर्ट पर पुलिस थाना केलवा द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध किया, जांच पूर्ण कर पॉक्सो न्यायालय राजसमंद में अभियुक्त राजेंद्र सिंह के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया.
न्यायालय में राज्य सरकार व पीड़िता की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 19 गवाह और 31 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए. न्यायालय में पीड़िता ने कथन किया कि घटना वाले दिन उसके अंकल के लड़के का जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए हॉस्पिटल गई, जहां राजेंद्र सिंह आया और उसे भीम में मेला दिखाने के लिए बोला.
इस पर उसने मना कर दिया तो राजेंद्र सिंह उसका मुंह बांधकर, जबरदस्ती मोटरसाइकिल पर बिठाकर लेकर गया. वह उसे भीम नहीं ले जाकर ब्यावर लेकर गया, जहां से राजेंद्र सिंह उसे बस में बिठाकर अपने रिश्तेदार के घर दिल्ली ले गया, जहां उसके साथ मारपीट की.
वहां दो-तीन महीने तक पीड़िता को एक कमरे में बंद करके रखा और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया. फिर वापस ब्यावर लेकर आ गया व उसे अपने रिश्तेदार के यहां छोड़कर ट्रक चलाने चला गया. ब्यावर में राजेंद्र सिंह के रिश्तेदार के यहां पर पुलिस आई और उसे पुलिस थाने पर लेकर आए. राजेंद्र सिंह ने उसके साथ बलात्कार किया, जिससे उसके गर्भ ठहर गया तो उसने न्यायालय के आदेश से उदयपुर अस्पताल में गर्भपात भी करवाया. न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अभियुक्त राजेंद्र सिंह को दोष सिद्ध घोषित किया.