Search
Close this search box.

महापरिनिर्वाण दिवस पर याद किए गए डाॅ भीमराव अम्बेडकर

महापरिनिर्वाण दिवस पर याद किए गए डाॅ भीमराव अम्बेडकर

प्रखंड अंतर्गत नवसृजित प्राथमिक विद्यालय चकचनरपत में संविधान निर्माता भारत रत्न डाॅ भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर फूल माला अर्पित किया गया। विद्यालय के सहायक सह फोकल शिक्षक मो फैयाज अहमद ने बच्चों को उनके सामाजिक संघर्षों को विस्तारपूर्वक बताया। डाॅ भीमराव अम्बेडकर अपने समाज के उस समय के प्रथम व्यक्ति थे, जिन्होंने पहली बार चौथी कक्षा उत्तीर्ण किया था और लगातार अपने साहस के बल पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी उच्च से उच्चतर डिग्रियां हासिल कीं। माता भीमा बाई के के बताये गये उसूल “अगर आगे बढ़ना है, तो किसी से लड़ना नहीं “पर अमल करते हुए निरंतर आगे ही बढ़ते रहे। समाज में उन्हें बहुत सारी कुरीतियों से जूझना पड़ा ।अपने स्कूली दिनों में उन्हें इस बात से गहरा सदमा लगा कि भारत अछूत होना क्या होता है। उनकी माता की मौत भी अछूत होने के कारण ही हुई थी क्योंकि कोई भी डाॅक्टर उन्हें छूना पसंद नहीं करता था। इन सबके बावजूद उन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर संविधान प्रारुप समिति के अध्यक्ष पर विराजमान हुए तथा भारत रत्न से भी मरणोपरांत सम्मानित हुए। डाॅ अम्बेडकर का कहना था कि “हम जिस वंचित समाज से आए हैं, उस समाज के उत्थान के बारे में प्रयास करते रहना है। “हमें अपनी पहचान कभी नहीं छिपाना है बल्कि अपने समाज को शिक्षित करते हुए तमाम तरह की कुरीतियों, रुढ़िवादियों के खिलाफ आवाज उठाते रहना चाहिए। इसी के साथ पूरा विधालय परिवार पुष्प अर्पित करते हुए नमन किया। साथ ही शिक्षित समाज बनाने का संकल्प लिया गया।
मौके पर ममता कुमारी, विकास पासवान, कृष्ण कुमार पंडित, शिवानी कुमारी, कुमारी वंदना तथा सभी बच्चों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया।

pnews
Author: pnews

Leave a Comment