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परमात्मा पिता को जानना, मानना और उनकी मत पर चलना हमारा धर्म और कर्म: कुंदन बहन*

*परमात्मा पिता को जानना, मानना और उनकी मत पर चलना हमारा धर्म और कर्म: कुंदन बहन*

सिंघिया बाजार: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा बाबा लक्ष्मीनाथ कुटीर में चल रहे तीन दिवसीय स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी के तीसरे एवं अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने निःशुल्क राजयोग मेडिटेशन शिविर के लिए अपना नामांकन भी करवाया।

वहीं सात दिवसीय राजयोग मेडिटेशन शिविर में परमात्मा पिता की सत्य पहचान से अवगत कराते हुए ब्रह्माकुमारी कुंदन बहन ने कहा कि एक बच्चे का अपने पिता की सत्य पहचान से अनभिज्ञ रहना उसके जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी है। ऐसे ही हम परमात्मा को परमपिता, गॉड फादर कहकर पुकारते तो हैं लेकिन ऐसा कहते हुए हमारी स्मृति में कौन आता है? भगवान एक है तो उसका सत्य परिचय भी एक ही होगा। इस सत्य परिचय को जान लेना उनके वर्से का हकदार बनने का पहला कदम है। परमात्मा का नाम- शिव, रूप- निराकार ज्योति बिंदु स्वरूप, घर- सुनहरे लाल प्रकाश की दुनिया परमधाम, कर्तव्य- इस पुरानी, पतित, भ्रष्टाचारी दुनिया को बदल पावन, श्रेष्ठाचारी सतयुगी दुनिया की स्थापना करना, कर्तव्य का समय- कलियुग अंत और सतयुग आदि के मध्य की वेला; जो समय भी चल रहा है, गुण- ज्ञान, शांति, प्रेम आदि सभी गुणों के सागर। चूंकि परमात्मा आत्माओं के पिता हैं इसलिए स्वयं को आत्मा निश्चय करने से अपने परमपिता के साथ हमारा सच्चा संबंध जुड़ता है और इस आधार से हम उनसे 21 जन्मों के लिए सुख-समृद्धि के वर्से के अधिकारी बन जाते हैं। जिनको हमने जन्म जन्म पुकारा, वह हमारी पुकार सुनकर इस धरती पर आ चुके हैं। इसलिए इस हीरे तुल्य समय का लाभ लेकर हम अपने जीवन को हीरे तुल्य बना सकते हैं।

ज्ञात हो कि सात दिवसीय निःशुल्क शिविर दोपहर 2:00 से 3:30 बजे तक प्रतिदिन चलता रहेगा।

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Author: pnews

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