अपने हेडमास्टर के कारनामे को देखें केके पाठक साहब,कैसे उड़ाई है शिक्षा विभाग धज्जियां.. विद्यालय बंद कर फरार।
हसनपुर/समस्तीपुर – पिछले कुछ दिनों से बिहार के एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर केशव कुमार पाठक यानी के के पाठक लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. केके पाठक अपने फैसलों को लेकर चर्चा में रहते ही हैं. अभी पाठक बिहार शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.के के पाठक मानते हैं कि इच्छाशक्ति हो तो सड़े-गले सिस्टम को भी सुधारा जा सकता है. इसकी मिसाल है-बिहार की शिक्षा व्यवस्था. इसमें वह राजनीतिक मोहरा बनने से भी नहीं डरते. असल मकसद है केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा जारी प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) 2021-22 में नीचे से चौथे स्थान पर परे बिहार को ऊपर लाना. पाठक जब से शिक्षा विभाग में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी बने हैं, लोकप्रियता का उनका ग्राफ आसमान छूने लगा है. उनके प्रयासों से सरकारी स्कूलों में शिक्षक और बच्चे लगभग शत-प्रतिशत आने लगे हैं. लेट होने या बिना छुट्टी लिए नहीं आने वाले शिक्षकों की सैलरी कट जाती है. यानी ऊपर से नीचे तक के तमाम नट-बोल्ट टाइट किए जा रहे हैं.
लेकिन अभी भी शिक्षा के तमाम नट बोल्ट को टाइट करने में के के पाठक को सफलता नहीं मिल पाई है. हसनपुर प्रखंड क्षेत्र के न्यू इंडिया सुगर मिल्स उच्च विद्यालय के हेडमास्टर के कारनामों को सुनकर पाठक जी भी अचंभित हुए बिना नहीं रह सकते. के के पाठक द्वारा लाख कोशिश करने के वावजूद उनके ही विभाग के न्यू इंडिया सुगर मिल्स उच्च विद्यालय के हेडमास्टर ने ऐसा कारनामा किया है कि क्षेत्र के लोग चर्चा करने से नहीं थक रहे.
अब जरा समस्तीपुर जिला के हसनपुर प्रखंड क्षेत्र के
न्यू इंडिया सुगर मिल्स उच्च विद्यालय के हेडमास्टर का कारनामा भी जान लीजिए. प्रधान शिक्षक ने सरकार से मिले गाइडलाइन के उलट अपना नियम इजाद कर विद्यालय को बंद कर दिया यानी शनिवार को विद्यालय पूरी तरह बंद रहा।
बहरहाल जो कुछ भी हो लेकिन शिक्षा अपर मुख्य सचिव के के पाठक की आदेश की धज्जियां न्यू इंडिया सुगर मिल्स उच्च विद्यालय के हेडमास्टर उड़ा हीं नहीं रहे खुलासे के बाद धमकी भी दे रहे हैं. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पास खुलासे को सुनने तक की फुर्सत नहीं है.
ऐसे में के के पाठक के प्रयास पर वे पलीता लगाने से नहीं चुक रहे जिससे शिक्षा की पोल खुलती साफ दिख रही है. अब देखना होगा अपर मुख्य सचिव इस पर क्या कार्रवाई करते है. केवल हेडमास्टर पर डंडा चलेगा या प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी महोदय पर भी कुछ एक्शन होगा.