इन लोगों को कोरोना से डरने की नहीं जरूरत- AIIMS
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर लोगों में एक बार फिर दहशत का माहौल है. दिल्ली में इसके आज 2 नए मामले सामने आए हैं और 30 एक्टिव केस है. वहीं भारत में 529 मामले पिछले 24 घंटे में दर्ज किए गए है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन बनाने में फार्मा कंपनियां दिलचस्पी दिखा रही हैं.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि कोरोना की कोवीशील्ड वैक्सीन बनाने वाली पुणे की सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया नए वेरिएंट JN.1 के खिलाफ वैक्सीन बनाने के लिए सरकार के पास आवेदन ले जा सकती है. सिरम इंस्टीट्यूट ने ही कोविड वेरिएंट xbb.1 के खिलाफ वैक्सीन तैयार की थी. हालांकि भारत में ट्रेंड्स को देखचे हुए वैक्सीन रिसर्च में शामिल डॉक्टर नहीं मानते की भारतियों को किसी और वैक्सीन की जरूरत है. वैक्सीन रिसर्चर्स के मुताबिक लोगों को फिलहाल बूस्टर डोज लगवाने की भी जरूरत नहीं है.
एम्स दिल्ली और एम्स गोरखपुर ने मिलकर लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज की पड़ताल की है. इस रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दो डोज लगवाई हैं या जिन लोगों को कभी कोरोनावायरस का इंफेक्शन हो चुका है, उनमें फिलहाल कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा कवच यानी एंटीबॉडी हैं. यही वजह है कि भारत में 4000 से ज्यादा मरीजों के बाद भी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है. यहां तक कि लोग कोरोनावायरस का टेस्ट करवाना भी जरूरी नहीं समझ रहे
भारत ने कोरोनावायरस के नए वेरिएंट JN.1 के मामले बढ़कर 109 हो गए हैं. नए वेरिएंट के सबसे ज्यादा केस गुजरात में पाए गए हैं. यहां इस वेरिएंट के 36 मरीज मिलने की पुष्टि हुई है जबकि गुजरात में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 59 है. कर्नाटक में जेएन.1 के कुल 34 मरीज मिले हैं. यहां कुल कोरोना मरीजों की संख्या 409 है. नए वेरिएंट के हिसाब से तीसरे नंबर पर गोवा है. यहां कुल 14 केस नए वेरिएंट वाले पाए गए हैं.
ध्यान देने वाली बात ये है कि 24 घंटे में तीन मौते हुई हैं. तीन में से एक गुजरात और दो कर्नाटक में हुई हैं. ये वो दोनों राज्य हैं, जहां इस समय जेएन.1 के सबसे ज्यादा मामले हैं. इस समय देश में कोरोनावायरस के शिकार कुल मरीजों की संख्या 4093 है. पिछले 24 घंटे में 529 नए मरीज कोरोना के शिकार हुए हैं. नए साल के जश्न और बढ़ती ठंड के बीच कोरोना तेजी से फैल सकता है, लेकिन जब तक अस्पताल जाने की नौबत नहीं आ रही. इसे साधारण वायरल फ्लू की तरह समझने में कोई बुराई नहीं है.