बिहार में सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस ने चला बड़ा दांव, महागठबंधन में लोकसभा की मांगी 10 सीटें
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी ने सियासी पारे को बढ़ा दिया है. नीतीश की नाराजगी से बिहार की सत्ता कांपने लगी हैं. उधर कांग्रेस का पूरा फोकस 2024 पर जमा हुआ है. जेडीयू में मची हलचल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक की. इस मीटिंग में सीट शेयरिंग सहित आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई. इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने लोकसभा की 10 सीटों पर अपना अधिकार जताया है.
जानकारी के मुताबिक, बिहार कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से कहा है कि इंडी गठबंधन में 10 सीटों की मांग की जाए. बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पहले भी हमारी एक बैठक होनी थी, लेकिन किसी वजह से नहीं हो पाई. अब राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने हमें समय दिया. इस बैठक में तय हुआ कि हमें गठबंधन में चुनाव लड़ना है. हमने अपनी ओर केंद्रीय नेतृत्व के सामने सीटों की संख्या रख दी है. अब इंडी गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर इस पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर सभी पार्टियों का लचीला रुख अपनाना होगा तभी गठबंधन बना रहेगा.
उधर सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार और लालू यादव ने आपस में मिलकर लोकसभा सीटों को लेकर तालमेल कर लिया है. जानकारी के अनुसार, बिहार में कुल 40 लोकसभा सीट है जिसमें जेडीयू 17 सीटों और आरजेडी भी 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. बाकी बची 6 सीटों में 5 कांग्रेस और 1 सीट वाम दल को मिल सकता है. जानकारी के अनुसार, जेडीयू-आरजेडी ने अपनी सीटों के बंटवारे की जानकारी कांग्रेस आलाकमान को दे दी है. जेडीयू की ओर से साफ कहा गया है कि 16 सीटें जेडीयू के पास पहले से हैं, इसलिए वो उससे कम पर समझौता नहीं कर सकती.
वहीं वाम दलों ने भी बिहार में 5 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पहले से दावेदारी कर रहे हैं. दूसरी ओर, महागठबंधन पर ही संकट के बादल मंडरा रहे हैं. जेडीयू में मचे घमासान के बीच नीतीश कुमार दिल्ली रवाना हो चुके हैं. वहां वो शुक्रवार (29 दिसंबर) को जेडीयू की होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होंगे. खबरें हैं कि नीतीश कुमार एक बार फिर से बड़ा फैसला ले सकते हैं. कहा तो यहां तक जा रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से बीजेपी के साथ जा सकते हैं. हालांकि, क्या होगा ये तो वक्त बताएगा.