सस्ते के चक्कर में गई पाकिस्तान… अब नहीं मिल पा रही है डॉक्टर की डिग्री, पछता रही हैं 107 मेडिकल स्टूडेंट
सपने को पूरा करने के लिए वह या तो भारत में पढ़ाई करता है या फिर सस्ते में उस कोर्स को करने के लिए विदेशों के कॉलेज में जाकर पढ़ाई करते हैं. कुछ ऐसा ही जम्मू-कश्मीर की 107 मेडिकल कॉलेज की छात्राओं ने किया लेकिन उन्हें नहीं पता था कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जाना उनको इतना महंगा पड़ जाएगा. अब भारत-पाकिस्तान के रिश्ते ठीक नहीं होने के चलते यह छात्राएं पड़ोसी मुल्क नहीं जा पा रही हैं.
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के कॉलेजों से मेडिकल की पढ़ाई लगभग 10 से 15 लाख रुपए में हो जाती है. यह भारत के मुकाबले छात्राओं को सस्ता पड़ता है. आपको बता दें भारत में मेडिकल सरकारी सीटें कम होने की वजह और प्राइवेट में मेडिकल की पढ़ाई महंगी होने के चलते ही छात्र पढ़ाई के लिए बांग्लादेश, यूक्रेन सहित कई देशों में जाते हैं. कुछ ऐसा ही जम्मू-कश्मीर की लगभग 107 मेडिकल छात्रों ने भी किया लेकिन इन छात्राओं ने पढ़ाई के लिए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को चुना. उनको पढ़ाई के लिए पाकिस्तान चुनना अब भारी पढ़ रहा है
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान से मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बावजूद इन छात्राओं को सर्टिफिकेट नहीं मिल रहा है. भारत-पाक के बीच बेहतर रिश्ते ना होने और सिक्योरिटी क्लीयरेंस को लेकर पाकिस्तान जाने का वीजा नहीं मिल रहा है. मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में यह छात्राएं शामिल नहीं हो पा रही हैं.
नेशनल कांफ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी ने इस मामले में कहा है कि गृह मंत्रालय मिनिस्टर ऑफ स्टेट नित्यानंद राय के सामने हमने इस मसले को उठाया है. मैं दोबारा नित्यानंद राय जी से मुलाकात करूंगा और सरकार से मांग करूंगा कि तमाम कश्मीरी मेडिकल छात्राओं को पाकिस्तान जाने की परमिशन दी जाए ताकि, वह वहां से अपना मेडिकल सर्टिफिकेट ला सके.