मशहूर शायर मुनव्वर राना ने लखनऊ में ली अंतिम सांस
शायरी की दुनिया में मकबूल एक और आवाज शांत हो चली है. ‘मां’ को लेकर की बेहद ही खास रचनाएं लिखने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राणा का देर रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक, वह कई दिनों से बीमार थे और उनका इलाज लखनऊ के पीजीआई में चल रहा था. 9 जनवरी को उनकी तबीयत खराब हुई थी. इसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था.
71 साल की उम्र में मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने अंतिम सांस ली. उन्हें किडनी और हार्ट से जुड़ी भी कई और दिक्कतें थीं. पीटीआई में सभी खबर के अनुसार, मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया ने बताया है कि उनके पिता का रविवार की देर रात अस्पताल में इंतकाल हो गया. सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. बता दें कि मुनव्वर राणा के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और चार बेटियां हैं विवादों से रह चुका है.
गजलों-शायरियों की दुनिया में मशहूर शायर मुनव्वर राणा का विवादों से भी काफी गहरा नाता रह चुका है. साल 2022 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव से पहले मुनव्वर राणा ने कहा था कि अगर योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बने तो वह उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे. दिल्ली कोलकाता चले जाएंगे. आगे मुनव्वर ने कहा था कि उनके पिता ने पाकिस्तान जाना कबूल नहीं किया लेकिन बड़ी दुख के साथ उन्हें शहर, प्रदेश और अपनी मिट्टी को छोड़ना होगा. मुनव्वर राणा ने कहा था कि पीएम मोदी ने सीएम के कंधे पर हाथ रखकर बुरा कर दिया. इसकी वजह से उन्होंने उत्तर प्रदेश में भेदभाव को बढ़ावा दिया. इस सरकार ने नारा दिया सबका साथ सबका विकास लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. इनका बस चले तो यह प्रदेश से सभी मुसलमान को छुड़वा दें. दिल्ली-कोलकाता और गुजरात उनके लिए ज्यादा सेफ जगह है.
कौन थे मुनव्वर राना
बता दें कि मुनव्वर राना बेहद ही मशहूर शायर और कवि थे. वह उर्दू के साथ-साथ हिंदी और अवधी भाषा में भी लिखते थे. उन्होंने कई अलग शैलियों में अपनी गजलों को लिखा था. उर्दू साहित्य के लिए उन्हें साल 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और साल 2012 में शहीद शोध संस्थान द्वारा माटी रत्न सम्मान से भी नवाजा गया था. एक साल बाद उन्होंने अकादमी पुरस्कार लौटा दिया था.