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चीन ने मिलाया तालिबान से हाथ, भारत को ऐसे पहुंचाएगा इकोनॉमिक नुकसान

चीन ने मिलाया तालिबान से हाथ, भारत को ऐसे पहुंचाएगा इकोनॉमिक नुकसान

भारत और चीन के बीच सीमा का तनाव अब आर्थिक तनाव में बदलता जा रहा है. कोविड के बाद से लगातार दुनियाभर की कंपनियां अपने मैन्यूफैक्चरिंग सेंटर को चीन से भारत शिफ्ट कर रही हैं. इसमें सबसे बड़ा नाम एपल का शामिल है. ऐसे में चीन ने भारत को चुनौती देने के लिए तालिबान से हाथ मिला लिया है. अब ये गठजोड़ कैसे भारत को आर्थिक नुकसान पहुंचाएगा?

चीन इस हफ्ते अपने ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ की बैठक करने जा रहा है. इसमें 120 से ज्यादा देशों के शामिल होने का अनुमान है. अब खबर है कि चीन ने अपने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में तालिबान को शामिल करने की तैयारी कर ली है. अफगानिस्तान में अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता कब्जाने के बाद चीन ने इस स्तर पर बातचीत शुरू करके अपना कदम बढ़ा दिया है. वहीं ये पहली बार होगा तालिबान इस स्तर के शिखर सम्मेलन में शामिल होगा.

BRI में आएगा तालिबान
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) चीन का सबसे बड़ा ग्लोबल प्रोजेक्ट है. इसका मकसद एक तरह से चीन के प्राचीन सिल्क रूट को रिवाइव करना है. चीन में मंगलवार और बुधवार को होने वाली बीआरई मीट में तालिबान के कार्यवाहक वाणिज्य और उद्योग मंत्री हाजी नॉरुद्दीन अजीजी शामिल होने जा रहे हैं.

अफगानिस्तान में तांबा, सोना और लीथियम के बड़े भंडार हैं. ये करीब 3,000 अरब डॉलर मूल्य के हैं. चीन अफगानिस्तान में एक बड़ी तांबा खदान विकसित करने की योजना बना रहा है और इसके लिए तालिबान के साथ बातचीत कर रहा है.

भारत की इकोनॉमी को होगा नुकसान
हाल में भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया. इस आयोजन की एक खास बात चीन के ‘ओल्ड सिल्क रूट’ की तरह भारत के प्राचीन ‘मसाला रूट’ को रिवाइव करने पर सहमति बनना थी. इसके लिए भारत-पश्चिमी एशिया-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर को डेवलप करने की बात कही गई.

ये कॉरिडोर चीन की बीआरई के लिए काउंटर के तौर पर काम करेगा. इसमें भारत समुद्र मार्ग से पश्चिमी एशिया से जुड़ेगा, जहां से रोड एंव रेल नेटवर्क से यूरोप को जोड़ा जाएगा. इसमें अफगानिस्तान की भी अहम भूमिका हो सकती है, लेकिन अब चीन के तालिबान के साथ बातचीत से भारत को बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है. वैसे भी इजराइल-हमास युद्ध के चलते इस परियोजना पर संकट के बादल पहले से मंडरा रहे हैं.

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Author: pnews

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