4 अप्रैल 1979: जब पाकिस्तानी पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो को जनरल जिया ने सूली पर लटका दिया
पाकिस्तान में गलत की कोई सीमा नहीं है. गलत इतना कि बिना गलती के किसी को भी सूली पर लटकाया जा सकता है. यहां तक कि पाकिस्तान प्रधानमंत्री को गद्दी से हटाकर फांसी के फंदे पर लटका सकता है. ठीक ऐसा ही हुआ था पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के साथ. सेना ने पाकिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर भुट्टो को फांसी दे दी थी. 44 साल बाद अब पाकिस्तान की कोर्ट ने भुट्टो के मामले में निष्पक्ष सुनवाई नहीं होने की बात कही है. आइये आपको बताते हैं पाकिस्तान में 44 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को क्यों फांसी दे दी गई थी.
प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी दिए जाने के फैसले पर अब सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि इस मामले में निष्पक्ष सुनवाई नहीं की गई थी. यहां ये जान लेना जरूरी है कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलटा नहीं है बल्कि अपनी राय रखी है. कोर्य ने यह भी कहा कि भुट्टो को सुनाई गई मौत की सजा को बदला नहीं जा सकता था. इसके पीछे तर्क दिया कि इसकी इजाजत न तो संविधान देता और न ही कानून और इसलिए यह एक फैसले के तौर पर ही देखा जाएगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अपनी विस्तार राय बाद में जारी करेगा.