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केके पाठक की गालियों वाला वीडियो लीक करने वाले DPO सस्पेंड

केके पाठक की गालियों वाला वीडियो लीक करने वाले DPO सस्पेंड

सहरसा: बिहार के सहरसा जिला के शिक्षा विभाग के डीपीओ रजनीश कुमार झा के खिलाफ विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। उन पर विभागीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का क्लिप वायरल करने का आरोप है। इस गलती को स्वीकार करने के बावजूद विभाग ने उन्हें नहीं छोड़ा है और ऐसी सजा दी है, जो अन्य के लिए एक नजीर ही बन गई है। दरअसल, वीडियो क्लिप वायरल करने की सजा के रूप में विभाग ने डीपीओ को निलंबित कर दिया है। दरअसल, जिस वीडियो को वायरल किया गया था, उसमें बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था। जिस पर जमकर सियासत हुई थी।

सहरसा डीईओ की रिपोर्ट के आलोक में कार्रवाई की गई है। बताया गया है कि 22 फरवरी 24 को विभाग के वरीय पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। यह समीक्षा प्रतिदिन शाम में होती है। वीसी के दौरान सहरसा के माध्यमिक शिक्षा के डीपीओ झा ने वीसी का वीडियो बना लिया, जबकि इसके लिए उन्होंने किसी भी सक्षम अधिकारी से अनुमति नहीं ली थी। उन पर आरोप है कि वीडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर अपलोड करने के साथ ही उसे वायरल कराया गया। उसी दिन डीईओ ने डीपीओ से स्पष्टीकरण पूछा था, जिसमें उन्होंने गलती स्वीकार की थी।

विभागीय निदेशक सुबोध कुमार चौधरी ने जारी पत्र में कहा है, डीपीओ की यह कार्यशैली बिहार सरकारी आचार नियमावली 1976 के नियम 3 का उल्लंघन है। साथ ही इससे उनके कर्तव्य के प्रति लापरवाही और अनुशासनहीनता परिलक्षित होता है। आरोप को लेकर निदेशक ने डीपीओ से 24 फरवरी 2024 को स्पष्टीकरण पूछा था, जिसमें उन्होंने गलती स्वीकार करने के साथ ही इसे क्षमा करने का आग्रह किया था। हालांकि इस पूरे प्रकरण की समीक्षा के बाद पाया गया है कि उनके इस कृत्य से विभाग की बदनामी हुई है।

निदेशक की माने तो डीपीओ ने वीडियो वायरल कर बिहार सरकारी आचार नियमावली की सुसंगत धारा का उल्लंघन किया गया है। इस गंभीर आरोप से मुक्ति के आग्रह के बाद भी विभाग ने उनको निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, दरभंगा का कार्यालय निर्धारित किया गया है। जारी पत्र में कहा गया है कि डीपीओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चलेगी।

दरअसल, केके पाठक का वीडियो वायरल होने के बाद बिहार में जमकर सियासत हुई थी। यह मुद्दा बिहार विधानसभा तक पहुंच गया था। महागठबंधन के नेताओं ने इसे मुद्दे पर नीतीश कुमार की सरकार को दोनों सदन में घेरा था। बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि ऐसा व्यवहार उचित नहीं है। किसी को अभद्र भाषा का प्रयोग करने का अधिकार नहीं है। बिहार सरकार ऐसे व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगी।

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Author: pnews

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