मथुरा में लगेगी हेमा की हैट्रिक!
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है. ऐसे में हमारी टीम मथुरा से इलेक्शन की राम-राम कर रही रही है. आइए जानते है कि क्या है मथुरा के मुद्दे और मथुरा से 2024 चुनाव पर जनता की राय क्या है. ब्रजभूमि से वर्तमान में भाजपा की तरफ से हेमा मालिनि सांसद है. इस बार भी यानी लोकसभा 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने फिर से इन पर विश्वास दिखाते हुए टिकट दे दिया है. मथुरा की जनता ने हेमा मालिनी को प्रत्याशी के रूप में काफी पसंद किया है. उत्तरप्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट से 26% लोगों ने प्रत्याशी के रूप हेमा मालिनी को समर्थन दिया है.
मथुरा की जनता का क्या है मूड
कृष्ण की नगरी में भी राम मंदिर फैक्टर बखूबी काम करता हुआ नजर आ रहा है. मथुरा के लोगों में सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ रोष नजर आ रहा है. उनका कहना है कि संसदीय क्षेत्र में कई इलाके ऐसे है जिनकी तरफ हेमा मालिनी का ध्यान पूरे कार्यकाल में कभी नहीं दिया गया. लेकिन वोट फिर भी भाजपा के खाते में पड़ेगा. जनता का कहना है कि हम वोट मोदी और योगी जी के लिए दे रहे है.
विधानसभा क्षेत्र में भाजपा आगे
इस विधानसभा क्षेत्र में 5 विधानसभाएं लगती है और इन पांचों सीटों पर भाजपा का कब्जा है. वहीं इस संसदीय क्षेत्र के युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी और महंगाई एक बड़ा मुद्दा है. लेकिन इन सब से बढ़कर मथुरा और काशी भी मुद्दा है इसलिए हमारा वोट तो भाजपा को ही जाएगा.
जाट और मुस्लिम वोटरों पर निर्भर है यहां की सत्ता
मथुरा लोकसभा सीट पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आती है. इस सीट पर जाट और मुस्लिम वोटरों का दबदबा माना जाता है. ऐसा कह सकते है कि यहीं लोग यहां पर सत्ता का निर्धारण करते है. अगर मथुरा की सीट पर वोटर की बात की जाए तो यहां पर कुल वोटर 16,25,093 हैं. इनमें अलग-अलग जातियों के वोटर शामिल हैं. अगर इस सीट पर मुसलमान वोट बट जाता है तो भाजपा को इसका फायदा मिलना निश्चित हो जाता है, पिछले चुनावों में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था. मुस्लिम वोटों के तितर-बितर हो जाने के कारण भाजपा ने जीत दर्ज की थी.
मोदी सरकार के काम से खुश है जनता
यहां के निवासियों का कहना है कि मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है. योगी सरकार ईमानदारी से काम कर रही है. बच्चों को स्कॉलरशिप मिल रही है. जो काम 10 साल में हुआ है वह 50 साल में नहीं हुआ. पिछले पांच वर्षों में विकास पर लोग अपने सांसद को पसंद नहीं करते हैं.
120 करोड़ का बजट
विगत वित्तीय वर्ष में उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद को 100 करोड़ का बजट मिला था, इस बार यह राशि बढ़ाकर 120 करोड़ रुपए की गई है. यह बजट साल भर के लिए है. इसमें पुरानी परियोजनाओं को पूरा कराने और नई परियोजनाओं को शुरू करने के कार्य होंगे. इस बार के बजट में यमुना घाटों पर फोकस किया गया है. सरकार ने अपनी ओर से यमुना के घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए कार्ययोजना मांगी थी